पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि राहुल द्रविड़ को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में किये अपने शानदार प्रदर्शन के बाद ही संन्यास ले लेना चाहिये था और राहुल के संन्यास लेने के फैसले से उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई.
गांगुली ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा मानना है कि राहुल को इंग्लैंड दौरे के बाद ही संन्यास ले लेना चाहिये था लेकिन द्रविड़ का संन्यास लेने का यह सही फैसला है.’ द्रविड़ ने गांगुली की कप्तानी में कई यादगार पारियां खेली. गांगुली ने कहा कि द्रविड़ का यह फैसला चयनकर्ताओं को जवाब है.
द्रविड़ का यह फैसला एक तरह से चयनकर्ताओं के लिये जवाब है कि अब भारतीय टीम में भी बदलाव की जरूरत है. भारतीय टीम विदेशी धरती पर लगातार आठ टेस्ट हार चुकी है जो एक अच्छा संकेत नहीं है.
गांगुली ने कहा, ‘द्रविड़ उस समय खेलने आया था जब भारतीय क्रिकेट टीम परिवर्तन के दौर से गुजर रही थी और अब जब वह क्रिकेट छोड रहा है तब भी टीम को परिवर्तन की जरूरत है.’
यह पूछने पर कि अब टीम में तीसरे नंबर की जगह कौन भरेगा गांगुली ने कहा, ‘हो सकता है कि राहुल की जगह फिलहाल नहीं भर पाये लेकिन द्रविड़ हमेशा के लिये तो नहीं खेल सकता. उसे 13000 हजार रन बनाने में 16 साल लगे हैं.’
भारतीय टीम में द्रविड़ के विकल्प के बारे में पूछने पर गांगुली ने कहा, ‘विराट कोहली अच्छा खेल रहा है जबकि रोहित शर्मा बहुत प्रतिभाशाली है लेकिन अभी उसे खुद को साबित करना होगा. इसके अलावा मनोज तिवारी और चेतेश्वर पुजारा भी अच्छा खेल रहे हैं.’
द्रविड़ की एक सर्वश्रेष्ठ पारी के बारे में पूछने पर गांगुली ने कहा, ‘कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली 180 रन की पारी मेरी सूची में सबसे उपर है जबकि हेडिंग्ले में 148 रन की पारी भी अच्छी थी.’