रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि रेल बजट को जैसा होना चाहिए, वह ऐसा ही होने जा रहा है. वित्त वर्ष 2012-13 के रेल बजट को अंतिम रूप देते हुए उन्होंने यह बात कही.
त्रिवेदी बुधवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद रेल बजट पेश करेंगे. यह उनका पहला रेल बजट है.
भाड़े में वृद्धि की संभावना के बारे में पूछे जाने पर रेल मंत्री ने कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘बुधवार को बजट है, पहले नहीं दिखाया जा सकता.’ उल्लेखनीय है कि रेल किराए में 2003 से वृद्धि नहीं की गयी है. ऐसी संभावना है कि इस बार बजट में किराए में रेल सुरक्षा उपकर के नाम पर वृद्धि की जा सकती है. काकोदकर समिति ने यह सिफारिश की है. इससे सालाना 5,000 करोड़ रुपये की आय हो सकती है.
रेलवे के लिये कोष जुटाने के उद्देश्य से संसदीय समिति, योजना आयोग तथा रेलवे यूनियन ने सभी श्रेणियों में किराया बढ़ाये जाने का सुझाव दिया है.
रेलवे की वित्तीय स्थिति को देखते हुए त्रिवेदी के लिये रेल बुनियादी ढांचा को बेहतर बनाना तथा यात्री सुविधाएं बढ़ाने की प्रमुख चुनौती होगी. बाधाओं के बावजूद त्रिवेदी कुछ नई ट्रेनों की घोषणा कर सकते हैं.
बजट में रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी समर्पित मालवाहक गलियारा (डीएफसी) के लिये बड़ा कोष आवंटित कर सकते हैं ताकि इस महत्वकांक्षी परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लायी जा सके.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हाल ही में केंद्रीय विभागों तथा राज्यों को परियोजना को ‘उच्च प्राथमिकता’ देने का निर्देश दिया है. इसके एक लाख करोड़ रुपये की महत्वकांक्षी परियोजना में गति आयी है.