सुरेश रैना और हरभजन सिंह की विषम परिस्थितियों में निभायी गयी शतकीय साझेदारी से सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने वाला भारत पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती दिन वेस्टइंडीज को पहला झटका देने में सफल रहा.
भारत के चोटी के छह बल्लेबाज 85 रन पर पवेलियन लौट गये थे. रैना (82) और हरभजन (70) ने ऐसी नाजुक घड़ी में सातवें विकेट के लिये 146 रन की बेहद उपयोगी साझेदारी की जिससे टास जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिये उतरी भारतीय टीम 246 रन बनाने में सफल रही.
वेस्टइंडीज ने बेहद सतर्क शुरुआत की और शाम के सत्र में 20 ओवर के खेल में विकेट बचाये रखने को ही तरजीह दी. उसने दिन का खेल समाप्त होने तक एक विकेट पर 34 रन बनाये थे. इस तरह से वह अभी भारत से 212 रन पीछे है. तब सलामी बल्लेबाज एड्रियन बराथ 26 और रामनरेश सरवन दो रन पर खेल रहे थे. भारत की तरफ से एकमात्र विकेट इशांत शर्मा ने लिया.
इससे पहले तेज गेंदबाज रवि रामपाल (59 रन देकर तीन विकेट) और लेग स्पिनर देबेंद्र बिशु (75 रन देकर तीन विकेट) की घातक गेंदबाजी से जब वेस्टइंडीज की टीम मैच पर हावी हो गयी थी तब रैना और हरभजन ने आक्रामक तेवर दिखाये. इसका अंदाजा इससे लग सकता है कि रैना ने अपनी पारी में 15 चौके जबकि हरभजन ने दस चौके और एक छक्का लगाया.
इन दोनों की साझेदारी चाय के विश्राम के तुरंत बाद फिदेल एडवर्डस ने तोड़ी जिन्होंने मैच में 56 रन देकर चार विकेट लिये. इसके बाद भारतीय पारी सिमटने में देर नहीं लगी. उसके अंतिम चार विकेट 15 रन के अंदर गिरे.
अपना पहला टेस्ट खेल रहे कोहली ने भी चौके से शुरुआत की लेकिन लंच से ठीक पहले एडवर्डस की आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर उन्होंने विकेटकीपर कार्लटन बॉ को कैच दिया.
द्रविड़ ने दूसरे सत्र के शुरू में ही बिशु पर दो चौके जड़े लेकिन इसी ओवर की अंतिम गेंद पर उन्होंने भी लक्ष्मण की तरह स्लिप में कैच थमाया. अगले ओवर में इस लेग स्पिनर की उठती गेंद धोनी के बल्ले के उपरी हिस्से से लगकर गली में सिमन्स के पास पहुंच गयी.
रैना और हरभजन ने जवाबी हमले की रणनीति अपनायी जिसमें उन्हें सफलता भी मिली. इन दोनों ने बिशु को निशाने पर रखा. हरभजन अधिक आक्रामक होकर खेल रहे थे और इसका सबूत उन्होंने रामपाल के एक ओवर में तीन चौके जड़कर दिया. हरभजन ने केवल 45 गेंद पर टेस्ट मैचों में अपना नौवां और वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला अर्धशतक पूरा किया. रैना ने इसके बाद सैमी की लगातार गेंद को सीमा रेखा पार भेजकर अपना तीसरा टेस्ट अर्धशतक पूरा किया.
इन दोनों ने इस बीच भारत की तरफ से सबीना पार्क पर सातवें विकेट के लिये सबसे बड़ी साझेदारी निभायी. हरभजन ने इसके बाद बिशु पर पारी का पहला छक्का भी जड़ा.
एडवर्डस ने तीसरे सत्र के शुरू से ही हरभजन पर शार्ट पिच गेंदों की बमबारी की. हरभजन ने ऐसी ही एक गेंद को हुक करके डीप स्क्वायर लेग की तरफ उछाल दिया जिसे बिशु ने बेहतरीन प्रयास से कैच में तब्दील किया. इसके बाद प्रवीण कुमार (4) और अमित मिश्रा (6) भी एडवर्डस के शिकार बने. रैना को इस बीच जीवनदान भी मिला लेकिन उन्होंने रामपाल की गेंद हवा में उछाली और बिशु ने पारी का अपना तीसरा कैच लेने में कोई गलती नहीं की.
भारत के 246 रन के जवाब में पहले दिन का खेल समाप्त होने तक वेस्टइंडीज ने एक विकेट पर 34 रन बनाये. वेस्टइंडीज इस तरह से अब भी भारत से 212 रन पीछे है.