भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को कहा कि सरकार को निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने एवं कंपनियों को पर्यावरण अनुकूल बनाने में सहायता देने के लिए ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों के मूल्य ह्रास दर में वृद्धि करनी चाहिए.
बजट पूर्व अपने मांग पत्र में सीआईआई ने कहा, 'सीआईआई मरम्मत में पर्यावरण अनुकूल एवं ऊर्जा बचाने वाली प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने पर मूल्य ह्रास दर 50 फीसदी चाहती है, ताकि कंपनियों को पर्यावरण अनुकूल होने में सहायता मिले.' किसी भी संपत्ति का कर आकलन मूल्य ह्रास दर घटा कर किया जाता है.
सीआईआई ने सेवा कर एवं उत्पाद कर की वर्तमान दर को बनाए रखने की वकालत करते पूंजी निवेश बढ़ाने के लिए कम से कम दो वर्ष की अवधि के लिए संयंत्र एवं मशीनों के मूल्य ह्रास दर को 15 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी करने की अनुशंसा की.
सीआईआई ने विनिर्माण एवं आधारभूत संरचना वाली कम से कम 100 परियोजनाओं को चिन्हित कर उनके तेज क्रियान्वयन पर बल दिया. संगठन ने आधारभूत संरचना वाले क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 10 (23जी) को बहाल करने की मांग की.
इस धारा के अंतर्गत आधारभूत संरचना वाली परियोजनाओं में निवेश पर पूंजीगत लाभ कर एवं ब्याज से होने वाली आय पर कर में छूट मिलती है.