केन्द्रीय गृह मंत्रालय पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में सजा ए मौत पाये बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर गुणदोष (मेरिट) के आधार पर विचार करेगा और याचिका को अंतिम फैसले के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.
गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से दायर राजोआना की दया याचिका दो दिन पहले गृह मंत्रालय के पास आयी है और उसे दया याचिका देने वालों की सूची में जोड़ दिया गया है. चिदंबरम ने कहा, ‘हम इस (याचिका) पर गुण दोष के आधार पर विचार करेंगे और फिर भारत के राष्ट्रपति के पास भेजेंगे.’
गृह मंत्री ने कहा कि जहां तक विभिन्न दया याचिकाओं का सवाल है. सभी याचिकाएं या तो राष्ट्रपति को सौंप दी गयी हैं या फिर दोबारा सौंपी गयी हैं. गृह मंत्रालय के पास 33 दया याचिकाओं में से सिर्फ एक लंबित है. 32 याचिकाएं राष्ट्रपति के विचारार्थ भेज दी गयी हैं. 15 मामलों में राष्ट्रपति ने फैसला कर लिया है, जो तीन साल की अवधि में एक रिकार्ड है.
चिदंबरम ने कहा, ‘राजोआना के बारे में राजनीतिक दलों के रुख को लेकर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है. इस संबंध में दिशानिर्देश एकदम स्पष्ट हैं. जब तक दया याचिका पर फैसला नहीं हो जाता, सजा नहीं दी जाती है.’ चिदंबरम ने बताया कि राजोआना की दया याचिका मिलने पर हमने तत्काल पंजाब सरकार का ध्यान आकषिर्त किया और उन्हें दिशानिर्देशों के बारे में बताया. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि याचिका के गुणदोषों को लेकर कोई समझौता किया जाए.
उन्होंने कहा कि कोई भी सजायाफ्ता कैदी दया याचिका दायर कर सकता है या फिर उसकी ओर से कोई इसे दायर कर सकता है. दिशानिर्देशों के तहत दोनों ही मामलों को एक जैसा माना जाता है और दोनों का निस्तारण एक ही तरह से होता है.’ संसद भवन पर हमले के सिलसिले में सजा ए मौत पाये अफजल गुरु की दया याचिका के बारे में सवाल करने पर चिदंबरम ने जवाब दिया कि गुरु की याचिका अंतिम फैसले के लिए अभी राष्ट्रपति के समक्ष विचाराधीन है.