दिल्ली पुलिस ने शहर की एक अदालत को बताया कि योगगुरू रामदेव और जनता पार्टी के प्रमुख सुब्रमण्यम स्वामी ने कोई सांप्रदायिक भावना नहीं भड़काया था जिसकी वजह से एक व्यक्ति ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान रामदेव के चेहरे पर काला रंग फेंकने वाले व्यक्ति की रामदेव के समर्थकों ने पिटाई की.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जसजीत कौर की अदालत में पेश रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा, ‘संवाददाता सम्मेलन के दौरान बाबा रामदेव ने न ही मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बयान दिया था और न ही उसको (कामरान सिद्दीकी) पीटने के लिए समर्थकों को उकसाया था. सुब्रमण्यम स्वामी भी बाबा रामदेव के साथ थे और उन्होंने सिद्दकी को पीटने के लिये किसी को उकसाया नहीं था.’
रामेदव और स्वामी को क्लीन चिट देने वाली यह रिपोर्ट पुलिस ने अदालत के निर्देश पर दाखिल किया. अदालत ने सिद्दीकी की निजी शिकायत के बाद यह निर्देश दिया था.
सिद्दीकी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाते हुए मांग की थी कि रामदेव और स्वामी ने सांप्रदायिक घृणा फैलाने, उसपर हमले करने और उसका अपमान के साथ उसकी हत्या करने के सिलसिले में रामदेव और स्वामी के खिलाफ मुकदमा चलाया जाये.
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिये छह मार्च की तिथि निर्धारित की और पुलिस से कहा कि वह सिद्दीकी के चिकित्सा रिकार्ड पर ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे.