योगगुरु बाबा रामदेव ने पतंजलि योगपीठ द्वारा किसी तरह के कर चोरी के आरोपों का खंडन करते हुए शुक्रवार को कहा कि वह पिछले साल तक ईमानदार थे, लेकिन सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के बाद से क्या बेईमान हो गए.
अपने योग शिविरों के आयोजन से होने वाली आय पर 4.94 करोड़ रुपये की कर चोरी के नोटिस मिलने संबंधी खबर पर रामदेव ने संवाददाताओं से कहा, ‘पिछले 19 साल से मैं देश की सेवा कर रहा हूं, तब तक तो मैं ईमानदार था. पिछले साल चार जून से पहले मेरी अगवानी चार-चार मंत्रियों ने की थी, लेकिन उसके बाद से मैं अचानक सबसे बड़ा बेईमान हो गया, जब हमने भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ आवाज उठाई.’
उन्होंने कहा, ‘हमने न एक रुपये की कर चोरी की, न एक रुपये का भ्रष्टाचार किया, ना ही एक रुपये की हेरा फेरी की और ना ही हमने एक भी रुपये का खर्च अपने उपर अनावश्यक किया.’ उन्होंने कहा, ‘मैं जमीन पर सोता हूं और दो जोड़ी कपड़े साथ रखता हूं.’ रामदेव ने कहा, ‘सरकार के एक अधिकारी ने तो मुझे बताया था कि आपको तो सरकार से अभी 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की कर चोरी के नोटिस मिलेंगे.’
उन्होंने कहा कि जब हमने लाखों करोड़ रुपये के काले धन का मुद्दा उठाया है तो ‘कुछ करोड़ रुपये के नोटिस हमें भी मिलेंगे.’ योगगुरु ने कहा कि हम नोटिसों का जवाब दे रहे हैं और हम इससे परेशान नहीं हैं केवल ‘वकीलों का खर्च बढ़ गया है.’ रामदेव ने कहा कि यह तो हमारी विश्वसनीयता है कि लोग हमें दान देते हैं.