योग गुरु बाबा रामदेव ने गुरुवार को कहा कि 3 जनू को नई दिल्ली में होने वाले उनके आंदोलन में सेना प्रमुख वी के सिंह, को भी आमंत्रित करेंगे और समाजसेवी अन्ना हजारे भी साथ होंगे.
पतंजलि के उत्पादों को बिहार में लॉन्च करते हुए संवाददाताओं को संबोधित करते हुए रामदेव ने कहा कि 3 जनू को नई दिल्ली में होने वाले उनके आंदोलन में सेना प्रमुख वी के सिंह को भी आमंत्रित करेंगे और समाजसेवी अन्ना हजारे भी साथ होंगे.
योग गुरु ने कहा, ‘जनरल सिंह सेना प्रमुख का पद संभालने से पहले अपने परिवार और मित्रों के साथ उनके योगपीठ में मिलने गए थे और तभी से वह हमसें बहुत गहरे से जुड़े हुए हैं और सेनाध्यक्ष से सेवानिवृत्त होने के बाद हम उन्हें भी अपने आंदोलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करेंगे.’
उन्होंने कहा कि उनके साथ-साथ देश में जन-आंदोलन चलाने वाले व्यक्ति और संगठन है उन्हें भी वे आमंत्रित करेंगे क्योंकि यह केवल उनका आंदोलन नहीं बल्कि यह देश का आंदोलन है, विदेशों में जमा कालाधन को देश में वापस लाने, भ्रष्टचार मुक्त भारत बनाने का और भ्रष्ट व्यवस्था बदलने का आंदोलन है.
रामदेव ने कहा कि वे देश के सभी राजनीतिक दलों को भी आमंत्रित करेंगे और उनसे कहेंगे कि वे उनके इस आंदोलन का समर्थन करें. उन्होंने कहा कि सभी जन-आंदोलनों चलाने वाले व्यक्तियों से और संगठनों से कहेंगे कि वे उनके आंदोलन का समर्थन करें, कोई पक्षपात भेदभाव नहीं.
रामदेव ने कहा कि इसबार बहुत बड़ा इतिहास रचा जाएगा क्योंकि दुनिया के सभी महापुरूष समान रूप से इस बात पर सहमत हैं कि यह वर्ष परिवर्तन का वर्ष है.
बाबा रामदेव ने दावा किया कि कि सुबह राजद सुप्रीमों और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद का उन्हें फोन आया और वह कहने लगे बाबा हमें माफ कर दीजिए. योग गुरु ने कहा, ‘लालू जी से मैंने कहा कि उन्हें कभी मैंने शाप नहीं दिया तो माफ करने की बात कहां से आयी.’
अपने बारे राजद सुप्रीमों लालू द्वारा पूर्व में की गयी टिप्पणी का जिक्र किए बाबा रामदेव ने कहा, ‘लालू जी ने कहा कि बाबा अनुलोम-विलोम नहीं करते तो वह थोड़ा गड़बड़ हो जाता है, इसबार आंदोलन करेंगे तो हम भी आपका साथ देंगे जिसपर मैनें कहा कि सोचेंगे.’
रामदेव ने कांग्रेस पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार का नेतृत्व करने वाली पार्टी जो आचरण कर रही है उससे साफ दिखता है इनकी निष्ठा भारत और भारतीयता में नहीं रह गयी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का कैसा भारत था और एक खानदान जिसने अपने नाम के आगे गांधी लगाना शुरू कर दिया उसका गांधी जी से क्या लेना-देना.
रामदेव ने कहा ‘हम अपने नाम के आगे गांधी लगाएं तो बात समझ में आती है क्योंकि हम जमीन पर सोते हैं और बापू की तरह धोती पहनते हैं.' उन्होंने कहा कि जिनकी न धोती न खादी में निष्ठा है और न जिनकी गांधी जी अहिंसा, उनके सत्य के और ब्रहमचर्य के जो प्रयोग थे उनमें निष्ठा है ऐसे लोग अपने नाम के आगे गांधी कैसे लिख सकते हैं.
रामदेव ने कहा कि उन्हें लगता है कि देश के लोगों को इसके ऊपर सख्त आपत्ति जतानी चाहिए क्योंकि एक परिवार ने महात्मा गांधी जी के तप को किस तरह से उसके ऊपर अपना एकाधिकार बना लिया, यह कैसे हो सकता है.