सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामलीला मैदान में 4 जून 2011 को हुए लाठीचार्ज की कार्रवाई को गलत करार दिए जाने के फैसले के बाद बाबा रामदेव ने कहा है कि केंद्र सरकार लोकतंत्र पर प्रहार कर रही है.
घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सोते हुए लोगों पर क्रूरता दिखाई गई और केंद्र के निर्देश पर बर्बरता दिखाई गई. बाबा ने बताया कि कार्रवाई में शामिल पुलिस वालों ने कहा था कि वो मजबूर थे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को भी दोषी करार दिया और कहा कि बाबा भीड़ पर काबू नहीं कर पाए. बाबा ने इसपर कहा कि उन्होंने अपने समर्थकों से हर हाल में शांति बनाए रखने को कहा था. सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बाबा ने कहा कि भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन या आंदोलन करना मौलिक और संवैधानिक अधिकार है और सरकार ने कानून तोड़ा है.
बाबा रामदेव ने कहा कि काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा. इस मौके पर बाबा रामदेव के वकील राम जेठमलानी ने कहा कि रामलीला मैदान में मौजूद आम नागरिकों पर पुलिस ने आपराधिक कार्रवाई की. जेठमलानी ने कहा कि मेरी राय में यह बाबा रामदेव की जीत है.
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राम जेठमलानी ने कहा कि हमने इस घटना की शिकायत नहीं की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया था. उन्होंने कहा कि यह काले धन को देश में वापस लाने के लिए यह आंदोलन था. जेठमलानी ने पूछा कि इस पूरी घटना पर केंद्रीय गृहमंत्री चिदंबरम की क्या भूमिका थी. राम जेठमलानी ने कहा कि दिल्ली पुलिस को ऐसा करने के लिए ऊपर से आदेश मिले थे.