सुप्रीम कोर्ट ने रामलीला मैदान में 4 जून 2011 को हुए लाठीचार्ज की कार्रवाई को गलत करार दिया है. कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई को लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताया. कोर्ट ने लोकपाल बिल, करप्शन या महंगाई के विरोध में किए जा रहे इस अनशन पर की गई पुलिसिया कार्रवाई की जर्मनी से तुलना की.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को भी फटकार लगाते हुए कहा कि जब वहां धारा 144 लगाया गया था तो आपने वहां भीड़ क्यों इक्टठा होने दिया. आपको भीड़ को हटने के लिए कहना चाहिए था.
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही हादसे में मृत और घायल लोगों को मुआवजा देने की बात कही है. कोर्ट ने कहा कि रामदेव का ट्रस्ट 25 फीसदी मुआवजा दे और दिल्ली पुलिस 75 फीसदी. कोर्ट ने इस कार्रवाई के मृतकों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने को कहा है.
गौरतलब है कि 4 जून 2011 को आधी रात के समय रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे योग गुरू बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर दिल्ली पुलिस ने लाठियों, आंसू गैस के गोलों का प्रयोग कर चल रहे सत्याग्रह को खत्म किया गया और इसके बाद बाबा रामदेव को गिरफ्तार किया गया था.