पाकिस्तान में आंतरिक मामलों में प्रधानमंत्री के सलाहकार रहमान मलिक ने बुधवार को भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम के उस बयान को खारिज कर दिया कि मुंबई पर हमला करने वाले आतंकियों को ‘सरकार का समर्थन’ हासिल था और कहा कि एक ‘प्रोपगेंडा अभियान’ के तहत आईएसआई को निशाना बनाया जा रहा है.
मलिक ने कहा, ‘हमें अपनी आईएसआई पर गर्व है, जो पाकिस्तान की रक्षा कर रही है.’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में आईएसआई की भूमिका को ‘सभी लोगों का समर्थन हासिल है.’
उन्होंने चिदंबरम समेत भारत के नेताओं के उन बयानों का बार-बार खंडन किया कि मुंबई हमले में पाकिस्तान सरकार और सरकार से इतर तत्व शामिल थे.
मलिक ने आईएसआई को एक ‘विशिष्ट एजेंसी’ करार दिया. गौरतलब है कि चिदंबरम ने एक बयान में कहा कि 26/11 को मुंबई पर हमला करने वाले आतंकियों को स्पष्ट तौर पर सरकार से सहयोग मिला था.
चिदंबरम ने बुधवार को कहा, ‘अभी जब मैं सरकारी तंत्र के लोगों की बात करता हूं तो मैं अपनी उंगली किसी विशेष एजेंसी की ओर नहीं उठा रहा हूं, लेकिन स्पष्ट रूप से 26 नवंबर के मुम्बई आतंकवादी हमले को सरकारी समर्थन या सरकारी तंत्र के लोगों का समर्थन प्राप्त था.’
उनका यह बयान लश्कर-ए-तैयबा आतंकी अबू जंदल की गिरफ्तारी और उससे पूछताछ के बाद आया है, जो पाकिस्तान स्थित ‘नियंत्रण कक्ष’ से वर्ष 2008 में मुंबई पर हमला करने वाले 10 आतंकियों को निर्देश दे रहा था.
मलिक ने गृह मंत्रालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कई आतंकी हमलों में भारत की जांच की भी निंदा की और कहा, ‘चीजें अब स्पष्ट हो रही हैं. कौन जानता है कि भारत से किसी ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया हो?’ हालांकि उन्होंने ‘स्टिंग ऑपरेशन’ कहने का मतलब स्पष्ट नहीं किया. उन्होंने अबू जिंदाल, फहीम अंसारी और सबाहुद्दीन अहमद के संदर्भ में कहा, ‘क्या ये तीनों पाकिस्तान आ कर यहां के लोगों से घुल-मिल सकते हैं. वे संसाधन जुटा कर वापस जा सकते हैं और तब मुंबई हमला होता है. इसलिए कोई भी तर्कसंगत जांचकर्ता सोचने पर मजबूर हो जाएगा.’
मलिक ने भारतीय अधिकारियों से संदिग्ध आतंकी के बारे में विस्तृत जानकारी भी मांगी, जिससे पाकिस्तान जरूरी कार्रवाई कर सके. हालांकि साथ में उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों और चिदंबरम को जिंदाल, फहीम अंसारी और सबाहुद्दीन अहमद जैसे भारतीय नागरिकों की भूमिका पर भी ध्यान देना होगा.
मलिक ने कहा, ‘जबिउद्दीन भारतीय है, वह भारत में पकड़ा गया, उसने सब कुछ भारत मे किया. फिर आप पाकिस्तान पर क्यों आरोप लगा रहा हैं? वह आपका नागरिक है. इसका मतलब है कि आपकी एजेंसियां अपने नागरिकों को नियंत्रित करने में असफल रहीं. कृपया अपनी व्यवस्था पर भी ध्यान दें.’
उन्होंने कहा कि मुंबई हमले में जिंदाल के शामिल होने का मतलब है कि ‘कोई जासूस है, आपकी व्यवस्था में भी कुछ खामी है.’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका की हिरासत में मौजूद पाकिस्तानी-अमेरिकी संदिग्ध आतंकी डेविड हेडली ‘एक एजेंट था जिसने कई तरह से काम किया.’
गृहमंत्री ने कहा कि वह चिदंबरम का बहुत सम्मान करते हैं और भारत के साथ ‘आरोप-प्रत्यारोप का खेल’ खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं यहां भारत पर आरोप लगाने नहीं आया हूं, मैं यहां स्थिति स्पष्ट करने आया हूं.’
मलिक ने यह भी कहा कि भारत में हुए जिन पांच आतंकी हमलों का आरोप आईएसआई पर लगाया जा रहा है, वे हिन्दू उग्रवादियों की ओर से किए गए हैं. ये हमले हैं वर्ष 2006 एवं 2008 के मालेगांव विस्फोट, वर्ष 2007 का समझौता एक्सप्रेस विस्फोट, वर्ष 2007 का मक्का मस्जिद विस्फोट और वर्ष 2007 का अजमेर दरगाह विस्फोट.
उन्होंने कहा, ‘हमने आपको (भारत) तीन साल पहले ही आगाह किया था कि आपके देश में हिन्दू उग्रवाद आ रहा है. आपका खुद का तालिबान उभर रहा है. और अब हमने परिणाम देख लिए और मैं भारत के लिए कामना करता हूं कि कानून लागू कराने वाली एजेंसियां इसे रोकने के लिए कुछ जरूर करेंगी.’ मलिक ने यह भी कहा कि उन्होंने चिदंबरम के साथ हुई बैठकों में उन्हें बार-बार हिन्दू उग्रवाद के प्रसार से अवगत कराया था.
साथ ही उन्होंने चिदंबरम को यह बताने का भी दावा किया, ‘मुझे लगता है कि आपके देश में हिन्दू उग्रवाद का प्रसार हो रहा है. हम पाकिस्तान में तालिबान पर नियंत्रण करने में असफल रहे और हम इसे झेल रहे हैं. कृपया कुछ करें.’
उन्होंने कहा कि समझौता एक्सप्रेस विस्फोट में मारे गए पाकिस्तानी नागरिकों के परिजन इस मामले में शामिल भारतीय थलसेना अधिकारी कर्नल एस के पुरोहित को इस्लामाबाद को सौंपे जाने की मांग कर रहे हैं. मलिक ने यह भी कहा कि पाकिस्तान किसी भी जांच में भारत का सहयोग करने और आतंक के खिलाफ सूचना साझा करने के लिए तैयार है.