अलकायदा को ‘ईश्वर द्वारा भेजा गया प्लेग’ करार देते हुए तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा है कि इस आतंकवादी संगठन के प्रमुख ओसामा बिन लादेन की मौत से वह राहत महसूस कर रहा है.
तालिबान के इस वरिष्ठ सदस्य ने यह भी कहा कि इस बात की संभावना नहीं है कि तालिगान अफगानिस्तान में लड़ाई जीत पाएं. V पत्रिका ‘न्यू स्टेट्समैन’ के अनुसार वरिष्ठ तालिबान नेता ने कहा, ‘तालिबान के कम से कम 70 फीसदी लोग अलकायदा से नाराज हैं. हमारे लोग अलकायदा को प्लेग समझते हैं जिसे ईश्वर ने हमारे पास भेज दिया.’
तालिबान विशेषज्ञ लेखक माइकल सेंपल ने तालिबान के इस वरिष्ठ सदस्य के साथ साक्षात्कार किया है. सेंपल अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के दूत रह चुके हैं और अब वह हार्वर्ड में कार सेंटर फोर ह्यूमन राइट्स पॉलिसी से जुड़े हैं.
तालिबान नेता ने कहा कि कुछ तो यहां तक मानते हैं कि अलकायदा वास्तव में अमेरिका के जासूस हैं.
वरिष्ठ तालिबान नेता ने कहा, ‘मूलत: तालिबान भोलेभाले और राजनीति से अनभिज्ञ होते हैं. उन्होंने अपने घरों में अलकायदा का स्वागत किया. लेकिन अलकायदा ने हमारे आतिथ्य का दुरूपयोग किया. जब मैं गुआंतनामो में था तब मुझे एहसास हुआ कि अलकायदा के लोग कितने निष्ठाहीन होते हैं. सच बताउं तो मैं ओसामा की मौत से राहत महसूस कर रहा हूं.’
उसने कहा, ‘अपनी नीतियों के जरिए उसने अफगानिस्तान को तबाह कर दिया. यदि वह वाकई में जिहाद में विश्वास करता है तो उसे हमारे देश को बर्बाद करने के बजाय सउदी अरब जाना चाहिए था और वहां जिहाद करना चाहिए था.’
जब पाकिस्तान के बारे में उससे पूछा गया तो उसने कहा, ‘एक बात जिसके विषय में मैं बातचीत नहीं करने का साहस करता, वह पाकिस्तान के साथ संबंध है.’
जब उससे पूछा गया कि भावी तालिबान सामाजिक नीति कैसी नजर आएगी, उसने कहा, ‘अपने समय में तालिबान को तीन बातों को लेकर बदनामी हुई, पहला महिलाओं के साथ बर्ताव, दूसरा दाढ़ी और नमाज जैसी चीजों पर छोटे मोटे नियमों का कड़ाई से पालन तथा तीसरा अंतरराष्ट्रीय संबंध.’
उसने कहा, ‘अब प्राथमिकता सुरक्षा की बहाली होनी चाहिए. लेकिन अन्य मुद्दों पर मेरा अनुमान है कि वे अपनी कड़ी नीतियों में नरमी लायेंगे.’