राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने एक मानवाधिकार संगठन के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि असम हिंसा को लेकर उसकी रिपोर्ट पक्षपातपूर्ण है और किसी खास समुदाय के पक्ष में है.
एनसीएम की रिपोर्ट को भेदभावपूर्ण बताते हुए एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख इसकी समीक्षा की मांग की थी. एनसीएम के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला ने कहा कि मैं नहीं सोचता कि हमारी रिपोर्ट किसी भी बिंदु से पक्षपातपूर्ण थी. उन्होंने कहा कि और अगर किसी संगठन ने हमारी रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है तो हमें उसे भी देखेंगे.
असम में हुई हिंसा पर हाल ही में एनसीएम ने अपनी रिपोर्ट जारी की जिसमें उसने कहा है कि राज्य में एक समुदाय विशेष को अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए आग्नेयास्त्र दिए गए थे. रिपोर्ट में यह भी संदेह जताया गया है कि हिंसा में राज्य में सक्रिय कुछ उग्रवादी समूहों का हाथ है.