जमीन के नीचे मोटी-मोटी चट्टानें पांच साल की बच्ची माही की जिंदगी पर भारी पड़ रही हैं. गुड़गांव के मानेसर में माही 59 घंटे से 60 फीट गहरे बोरवेल में फंसी हुई है, लेकिन चट्टानों की वजह से बार-बार रेस्क्यू ऑपरेशन बाधित हो रहा है.
शुक्रवार से यह कहा जा रहा था कि रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे जवान माही से हाथ मिलाने की दूरी तक पहुंच चुके हैं और कभी भी बच्ची को बाहर निकाला जा सकता है, लेकिन अब तक वो घड़ी सामने नहीं आई है.
माही बुधवार की रात 11 बजे बोरवेल में जा गिरी थी. मौक़े पर सेना की टीम ऑपरेशन में जुटी हुई है. बोरवेल की बगल में 80 फीट गहरा गड्ढा खोदा जा चुका है. वहां से बोरवेल तक क़रीब 3 मीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है, जो पूरी होने वाली है.
मुश्किल यह है कि नीचे की पथरीली मिट्टी आसानी से टूट नहीं रही है. बीती रात 2 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा. एक घंटे के ब्रेक के बाद तीन बजे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन फिर से चालू हुआ. इस वक्त सबसे असमंज़स की स्थिति यह है कि माही की हालत के बारे में कुछ पता नहीं लग पा रहा है.
बोरवेल में कैमरा उतारा गया, लेकिन गहराई ज़्यादा और चौड़ाई कम होने की वजह से कैमरा कुछ भी रिकॉर्ड नहीं कर पा रहा.