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टीम अन्ना में फिर सामने आया गंभीर मतभेद

भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने वाली टीम अन्ना में एक बार फिर दरार नजर आने लगी है. टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य ने अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उनसे आंदोलन की अगुआई के तरीके पर तीखे सवाल किए हैं.

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल

भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने वाली टीम अन्ना में एक बार फिर दरार नजर आने लगी है. टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य ने अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उनसे आंदोलन की अगुआई के तरीके पर तीखे सवाल किए हैं.

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टीम अन्ना के सदस्य शिवेंद्र सिंह चौहाण ने यह पत्र लिखा है. पिछले हफ्ते ही उन्होंने टीम के प्रमुख सदस्य प्रशांत भूषण के आवास पर उनसे मुलाकात के दौरान फेसबुक पर मौजूद ‘इंडिया अगेंस्ट करप्‍शन’ के पृष्ठ के प्रबंधन पर चर्चा की थी.

गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि चौहाण लोकतंत्र में यकीन नहीं करते और उन्होंने सोशल मीडिया अभियान के संदर्भ में एकतरफा फैसले लिए हैं. केजरीवाल ने यह चेतावनी भी दी कि अगर चौहाण कोर समिति के फैसलों को नहीं मानते, तो उन्हें आंदोलन से ‘हटाया’ भी जा सकता है.

अपने पत्र में चौहाण ने लिखा, ‘जबतक आप यह साबित नहीं कर देते कि आप इस आंदोलन के अगुवा हैं और मैंने कभी भी आंदोलन के हितों के खिलाफ काम किया है, आप किस अधिकार से मुझे अलग कर देंगे या मुझ पर आरोप लगा रहे हैं? मुझे पूरा यकीन है कि असहमति रखना और स्वतंत्र रूप से भी आंदोलन के हितों के लिए काम करना, आंदोलन को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं हो सकता.’

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इस संदर्भ में केजरीवाल की प्रतिक्रिया जानने के लिए उन्हें भेजे गए संदेश का कोई जवाब नहीं मिला है. चौहाण ने अपने पत्र में लिखा, ‘यह भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों का आंदोलन है और हम में से अधिकतर लोग इसमें अपनी मर्जी से शामिल हुए, ना कि किसी औपचारिक प्रक्रिया के तहत। इसलिए किसी समूह की ओर से निकाले जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। यह हम सभी का आंदोलन है और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में किसी का एकाधिकार नहीं हो सकता.’

उन्होंने यह भी लिखा कि कोर समिति के सदस्य लोकतांत्रिक तरीके से नहीं चुने गए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस साल जनवरी में केजरीवाले ने उन्हें समिति में शामिल करने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने कहा था कि उन्हें इसकी जरूरत नहीं है.

चौहाण ने सवाल उठाया ‘मेरा सवाल यह है कि किस लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत मुझे कोर समिति में शामिल करने की पेशकश की गई थी.’ उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीका वह होता, जिसमें कोर समिति के सदस्यों को चुनने के लिए भी जनलोकपाल के सदस्यों को चुनने जैसा तरीका अपनाया गया होता.

प्रशांत भूषण के आवास पर हुई बैठक में चौहाण ने उन आरोपों का भी खंडन किया कि अन्‍ना हजारे से संबंधित जानकारी फेसबुक के पन्ने पर नहीं डाली गई. उन्होंने बताया कि हजारे के महाराष्ट्र दौरे की जानकारी सबसे पहले फेसबुक और ट्विटर पर ही डाली गई.

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