आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले में सुनवायी का सामना करने वाले दंत चिकित्सक दंपति नूपुर और राजेश तलवार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से अपने खिलाफ कार्यवाही को निरस्त करने का अनुरोध करते हुए वास्तविक दोषियों का पता लगाने के लिए और जांच की मांग की.
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने तलवार दंपति के लिए पेश होते हुए न्यायमूर्ति ए के पटनायक और न्यायमूर्ति जे एस खेहर की एक पीठ से कहा कि विशेष सीबीआई अदालत ने दंपति के खिलाफ हत्याओं का संज्ञान लेने और अन्य आरोपी कृष्ण को बरी करने में गलती की जिसके तकिये पर हेमराज के खून के धब्बे पाये गए हैं.
आरुषि और हेमराज दंपति के नोएडा स्थित आवास पर 15 और 16 मई 2008 की रात को मृत पाये गए थे. हत्या का मकसद और हत्यारे अभी भी पहेली हैं.
साल्वे ने पीठ से मांग की, ‘मेरे खिलाफ जो संज्ञान लिया गया है उसे रद्द किया जाए. इस मामले में और जांच पड़ताल हो.’
दिन में सुनवायी के दौरान न्यायमूर्ति पटनायक ने उस समय कुछ तीखी टिप्पणियां की जब अतिरिक्त सालिसिटर जनरल हरील रावल ने पीठ के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि यह विवेचना उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका की गुंजाइश से बाहर जा रही है. उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले निचली अदालत के उस आदेश के खिलाफ तलवार दंपति की याचिका खारिज कर दी थी जिसमें दोहरे हत्या मामले में उनके खिलाफ संज्ञान लिया गया था और समीक्षा याचिका उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ थी.
न्यायमूर्ति पटनायक ने कहा, ‘आप (अतिरिक्त सालिसिटर जनरल) उच्चतम न्यायालय के समक्ष बहस कर रहे हैं. हमारे लिए सीबीआई का कोई महत्व नहीं. हमारे लिए मीडिया का कोई महत्व नहीं. हमारे लिए अंतिम न्याय का महत्व है. मिस्टर रावल हमें धमकी नहीं दें.’