आईपीएल में पाकिस्तान के खिलाड़ियों को तवज्जो न मिलने पर अपनी टिप्पणी से शिवसेना के गुस्से का शिकार बने शाहरुख खान ने कहा है कि वह इसके लिए माफी नहीं मांगेंगे.
शाहरुख ने शिवसेना की गतिविधियों को ‘अलोकतांत्रिक’ की करार दिया है. अपनी टिप्पणी पर कायम शाहरुख ने जोर देते हुए कहा कि हर भारतीय इस बात से सहमत है कि भारत एक ‘अच्छा देश’ हैं, जहां हर मेहमान का स्वागत होता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ‘सिर्फ एक अभिनेता’ के शब्दों के साथ बहुत अहमियत जुड़ी हुई है.
भारत में शिवसेना की प्रतिक्रियाओं के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में शाहरुख ने कहा, ‘‘मुझे ऐसी प्रतिक्रियाएं, अस्वस्थ, अलोकतांत्रिक और गैरसंवेदनशील लगती हैं. आप सिर्फ इतना ही कह सकते हैं कि आपका जो भी मानना है, आप उस पर कायम रहें और मुझे आशा है कि मेरे पास इतनी शक्ति है कि मैं ऐसा कर सकूंगा.’’
शाहरुख ने कहा, ‘‘एक भारतीय होने के नाते मुझे कोई शर्म नहीं है, न दु:ख है और न ही उसके लिए माफी मांगना चाहता हूं जो मैंने कहा है.’’ आईपीएल पर उपजे विवाद के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स क्रिकेट टीम के मालिक शाहरुख ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों की उपेक्षा के खिलाफ आवाज उठाई थी. शाहरुख ने कहा था कि अगर उनकी टीम को खिलाड़ियों को नियुक्त करने का मौका मिलता तो वह सीमा पार के खिलाड़ियों को लेते.
शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने इस मामले को देशभक्ति से जोड़ते हुए शाहरुख की आगामी फिल्म ‘माई नेम इज खान’ के पोस्टर फाड़ दिए थे और शाहरुख के मुंबई स्थित बंगले के बाहर प्रदर्शन भी किए थे. पार्टी ने चेतावनी दी थी कि जब तक शाहरुख माफी नहीं मांगते, वे फिल्म को प्रदर्शित नहीं होने देंगे.
शिवसेना के नेता अनिल परब ने कहा था, ‘‘शाहरुख अगर पाकिस्तानी खिलाड़ियों के पक्ष में बोलना चाहते हैं तो उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए.’’ प्रदर्शनकारियों ने शाहरुख के घर के बाहर मुंबई से पाकिस्तान की टिकट के प्रतीक के तौर पर पोस्टर लहराए थे.
पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी ने कहा था, ‘‘यह देशभक्ति का मुद्दा है और शाहरुख को राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.’’ शाहरुख ने कहा कि उनका वक्तव्य एक भारतीय के दृष्टिकोण से था और उनका मानना है कि सीमा के तनाव को व्यक्तिगत नफरत में नहीं बदला जाना चाहिए.
अपनी फिल्म के प्रचार के सिलसिले में यहां आए शाहरुख ने कहा, ‘‘मैंने जो भी कहा, जो एक मुद्दा बन गया. मैंने एक भारतीय होने के नाते कहा. मुझे लगता है कि हर भारतीय यही कहेगा कि हम एक अच्छे देश के निवासी हैं, जहां हर मेहमान का स्वागत होता है.’’
शाहरुख ने कहा, ‘‘हर देश की सीमा पर तनाव होता है, लेकिन उस तनाव के कारण हम हमारे बच्चों और युवाओं को गलत चीज नहीं सिखा सकते.’’ ‘माई नेम इज खान’ का प्रचार कर रहे शाहरुख से पत्रकार फिल्म के बजाए इस विवाद के बारे में प्रश्न पूछते ज्यादा नजर आए. शाहरुख ने कहा, ‘‘मैं कोई राजनीतिज्ञ नहीं हूं और कोई कट्टरपंथी भी नहीं हूं. मैं सिर्फ एक अभिनेता हूं और बहुत सी बातें कहता हूं. कई बार मेरी बातों को लोग सही या गलत तरीके से लेते हैं, लेकिन इसे इतना ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए.’’