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अपने सपने का पीछा करना ना छोड़ें: सचिन

सचिन तेंदुलकर सौंवा अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने के बाद काफी राहत महसूस कर रहे हैं. इस उपलब्धि के चारों ओर जो हाइप बनी हुई थी, उससे निपटना ‘मानसिक रूप से काफी कठिन’ था और मजाकिया लहजे में कहा कि इसे हासिल करने के बाद उनका 50 किग्रा वजन कम हो गया.

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सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर

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सचिन तेंदुलकर सौंवा अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने के बाद काफी राहत महसूस कर रहे हैं. इस उपलब्धि के चारों ओर जो हाइप बनी हुई थी, उससे निपटना ‘मानसिक रूप से काफी कठिन’ था और मजाकिया लहजे में कहा कि इसे हासिल करने के बाद उनका 50 किग्रा वजन कम हो गया.

तेंदुलकर ने यहां एशिया कप के मैच में बांग्लादेश के खिलाफ यह 100वें महाशतक का रिकार्ड कारनामा 147 गेंद में 114 रन बनाकर हासिल किया.

उनसे जब पूछा गया कि यह उपलब्धि हासिल करने के बाद कैसा महसूस हो रहा है क्योंकि इसे शायद कभी हासिल ही नहीं किया जा सकेगा तो उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, ‘मुझे अभी तक विश्वास नहीं हो रहा है लेकिन निश्चित रूप से मेरा 50 किग्रा भार कम हो गया है.’ तेंदुलकर ने कहा, ‘निश्चित रूप से मैं इस समय कुछ नहीं सोच सकता. यह मेरे लिये कठिन दौर रहा है. विशेष रूप से कठिन रहा है क्योंकि मैं आस्ट्रेलिया में ठीक ठाक प्रदर्शन कर रहा था लेकिन कभी कभार लगा कि भाग्य मेरे साथ नहीं था.’

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उन्होंने कहा, ‘आप कितने सैकड़े जड़ते हो, यह मायने नहीं रखता क्योंकि आप हमेशा अपनी टीम के लिये खेलते हो. तेंदुलकर ने कहा, ‘मैं इस उपलब्धि के बारे में नहीं सोच रहा था, मीडिया ने यह शुरू किया था, मैं जहां भी जाता, रेस्तरां, रूम सर्विस, हर कोई 100वें शतक के बारे में बात कर रहा था. यह मानसिक रूप से मेरे लिये काफी मुश्किल हो गया था क्योंकि कोई भी मेरे 99वें शतक के बारे में नहीं बात कर रहा था.’ आज की पारी, शायद उनकी सबसे धीमी एक दिवसीय पारी, के बारे में बात करते हुए तेंदुलकर ने कहा कि रन बनाना कठिन था.

उन्होंने कहा, ‘रन बनाना मुश्किल था क्योंकि गेंद बल्ले पर नहीं आ रही थी.’ यह पूछने पर कि वह इस समय अपने युवा प्रशंसकों को क्या कहना चाहेंगे तो तेंदुलकर ने कहा, ‘खेल का लुत्फ उठाओ और अपने सपने को साकार करो. मैंने विश्व कप के लिये 22 साल इंतजार किया है. इसलिये अपने सपने को सच करो.’

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