केंद्र सरकार ने सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. लेकिन अब इस फैसले पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. लेफ्ट से लेकर राइट तक इस फैसले पर सवाल खड़े कर रहे हैं. लेफ्ट नेता गुरुदास दास गुप्ता ने सवाल खड़े किए कि सौरभ गांगुली को और दूसरे कप्तानों को राज्यसभा के लिए मनोनीत क्यों नहीं किया गया.
बीजेपी के गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि सचिन को पहले भारत रत्न दिया जाना चाहिए. कुछ ऐसी ही आपत्ति उठाई शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने. उन्होंने पहले तो व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, बाद में संजय राउत ने कहा कि सचिन को पहले भारत रत्न दिया जाना चाहिए.
शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से जब ये पूछा गया कि केंद्र सरकार सचिन को राज्यसभा के लिए मनोनीत कर रही है तो उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि ये सचिन और कांग्रेस ही जानें की दोनों के बीच क्या चल रहा है.
औरंगाबाद में उद्धव ठाकरे जिस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे उसी कार्यक्रम में बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे भी पहुंचे थे. गोपीनाथ मुंडे ने भी सचिन को राज्यसभा के लिए मनोनित करने पर सवाल खड़े किए हैं. मुंडे ने कहा कि सचिन को सासंद बनाने की बजाए केंद्र सरकार को पहले उन्हें भारत रत्न देना चाहिए. मुंडे ने इस मामले को लेकर कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए.
मशहूर सिंगर आशा भोंसले ने भी सचिन को संसद में मनोनीत किए जाने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि सचिन को क्रिकेट के मैदान में ही अपना हुनर दिखाना चाहिए.
सचिन की पहले सोनिया गांधी से मुलाकात और फिर राज्यसभा की सदस्यता के लिए मनोनयन- कई सवाल खड़े कर गया. कयास लगाए जाने लगे कि कहीं कांग्रेस और सचिन के बीच कुछ पक तो नहीं रहा लेकिन लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार की मानें तो सोनिया और सचिन की मुलाकात का कोई दूसरा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए.
इस बीच सचिन को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. सचिन के कांग्रेस में आने की खबरें गर्म हैं. आजतक से खास बातचीत में संजय निरुपम ने कहा कि सचिन का कांग्रेस में स्वागत है. अगर वो कांग्रेस में आते हैं तो कांग्रेस का हाथ मजबूत होगा.
सीपीआई नेता गुरुदास दासगुप्ता ने सचिन को राज्यसभा के लिए मनोनित करने का स्वागत किया है लेकिन उन्होंने सवाल किया कि सौरव गांगुली को ये सम्मान क्यों नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार को क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों पर भी ध्यान देना चाहिए.