शीर्ष भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने रविवार को वांचाई में हांगकांग ओपन में चीन की शिजियान वांग पर तीन गेम तक चले फाइनल्स में शानदार जीत दर्ज करते हुए इस साल अपना तीसरा सुपर सीरीज खिताब हासिल किया.
इस 20 वर्षीय भारतीय ने चीन की तीसरी वरीय खिलाड़ी पर एक घंटे 11 मिनट तक चले मुकाबले में 15-21, 21-16, 21-17 से जीत दर्ज कर अपने कैरियर का चौथा सुपर सीरीज खिताब हासिल किया.
हैदराबाद की इस खिलाड़ी ने इंडियन ओपन ग्रां प्री, सिंगापुर ओपन सुपर सीरीज और इंडोनेशियाई सुपर सीरीज का बचाव करते हुए लगातार तीन खिताब अपने नाम किये थे. उन्होंने यहां अक्तूबर में राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक भी जीता था.
विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर खिसकने वाली सायना अब इस शानदार जीत से नंबर एक स्थान के करीब पहुंच सकती हैं.
पहला गेम गंवाने के बाद सायना ने चतुराई से गेम खेले और अपनी तेज तर्रार रैलियों और शक्तिशाली स्मैश से दुनिया की पांचवें नंबर की चीनी खिलाड़ी को पस्त कर दिया.
दूसरे गेम में सायना ने 5-5 की बराबरी के बाद इसे 11-5 पर ला दिया लेकिन शिजियान ने इस अंतर को कम करके स्कोर 11-10 कर दिया. यह भारतीय सीधे सात अंक हासिल कर 19-11 से आगे हो गयी.{mospagebreak}
लेकिन सायना ने बेसलाइन और नेट पर दो अंक गंवा दिये जिससे शिजियान ने स्कोर 19 - 16 कर दिया. लेकिन चीन की खिलाड़ी के शटल बाहर गिराने से सायना ने गेम में वापसी की. निर्णायक गेम में सायना और शिजियान के बीच मुकाबला रोमांचक था. चीन की खिलाड़ी शटल बैक कोर्ट पर पुश कर रही थी, लेकिन सायना कहीं भी रूकने के मूड में नहीं थी और शक्तिशाली क्रास कोर्ट स्मैश से इस भारतीय ने 5-0 से बढ़त बनायी.
बेसलाइन पर ठीक अंदाजा नहीं लगा पाने से शिजियान इस अंतर को कम करने में सफल रही और उन्होंने तेज रैली शुरू कर दी, जिससे स्कोर 6-7 हो गया. सायना ने सनसनीखेज क्रास कोर्ट स्मैश से 11-9 से बढ़त बना ली.
सायना ने अपनी प्रतिद्वंद्वी को लंबी रैलियों में फंसा लिया और शिजियान के गलती करने का इंतजार किया.
बेसलाइन पर विवादास्पद फैसले से शिजियान ने 14-13 से बढ़त बना ली, लेकिन सायना ने हार नहीं मानी और बढ़त 15-14 की कर दी. जिसके बाद दोनों 16-16 से बराबर हो गयी.
सायना ने स्मैश, नेट ड्रिबल और राउंड द हेड ड्राप से तीन महत्वपूर्ण अंक हासिल कर 19-16 से बढ़त बनायी. शिजियान ने भी एक अंक बनाया. लेकिन सायना ने मैच प्वाइंट हासिल कर स्मैश से शिजियान को पस्त कर दिया और इस भारतीय ने अपना रैकेट फेंककर खिताबी जीत का जश्न मनाया.