‘पिया बसंती’, ‘अलबेला साजन आयो रे’ और ‘लेजा-लेजा’ जैसे लोकप्रिय गीतों को अपनी सुरमयी आवाज देने वाले सांरगी वादक और शास्त्रीय गायक सुल्तान खां ने सारंगी को ‘सौ-रंगी’ बना दिया और उनके जैसे ‘लीजेंड’ का जन्म सदियों में एक बार होता है.
उस्ताद सुल्तान खां के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए बनारस घराने के शास्त्रीय गायक साजन मिश्रा ने कहा, ‘वह बड़े ही प्यारे एवं सुरीले कलाकार थे. अच्छा कलाकार होने के साथ वह अच्छे इंसान भी थे और कभी किसी को मना नहीं करते थे. 1975 में रेडियो में संगत करने के बाद कई मौके आये जब हमने साथ प्रस्तुति दी है. वह बेहद उसूल वाले कलाकार थे, जो अपनी संस्कृति को बड़ा ही प्यार करते थे.’
एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘उनका बेटा साबिर अहमदाबाद में पहली एकल प्रस्तुति दे रहा था और इत्तेफाक से हम भी कार्यक्रम सुनने पहुंच गये. कार्यक्रम खत्म होने के बाद उन्होंने अपने बेटे को 1000 रुपये के नोट दिये और कहा कि दोनों (राजन एवं साजन मिश्र) को देकर इनका आर्शीवाद लो. वह बच्चों को अपनी संस्कृति से जोड़ने के लिए बेहद ध्यान रखते थे.’
प्रसिद्ध बांसुरीवादक रोनू मजूमदार ने मुंबई से फोन पर कहा, ‘उनके बहुआयामी व्यक्तित्व ने सारंगी को ‘सौ-रंगी’ बना दिया. वह सारंगी पर लोरी बजाकर दर्शकों को भाव विभोर कर देते थे. उन जैसे कलाकार सदियों में एक बार पैदा होते हैं.’
उस्ताद सुल्तान खान का लंबी बीमारी के बाद रविवार अपराह्न मुबई में निधन हो गया. वह 71 वर्ष के थे. इंदौर घराने के शास्त्रीय गायक के पार्थिव शरीर को कल जोधपुर में सुपुर्द-ए-खाक किया जायेगा.
उस्ताद सुल्तान खान पद्मभूषण के साथ ही दो बार संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार और महाराष्ट्र के स्वर्ण पदक पुरस्कार से नवाजे गये. वर्ष 1998 में उन्हें अमेरिकन एकेडेमी ऑफ आर्टिस्ट अवार्ड मिला. खान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन और अमेरिकी बेसिस्ट बिल लेसवेल के साथ इंडियन फ्यूजन ग्रुप ‘तबला बीट साइंस’ के भी सदस्य रहे.
उनके पुत्र साबिर खान भी जाने माने सारंगी वादक हैं.
खान के निधन पर शोक जताते हुए संगीत निर्देशक सलीम मर्चेंट ने कहा, ‘मैंने अपने उस्ताद, मेरे गुरु, मेरे मित्र और मेरे आदर्श को खो दिया. उनका आज दोपहर निधन हो गया. हमें अब उनके जैसा सारंगी वादक नहीं मिलेगा.’ उन्होंने कहा कि खान कुछ समय से अस्वस्थ थे. उनके गुर्दे खराब हो गये थे और वह डायलिसिस पर थे.
अभिनेत्री दीया मिर्जा ने कहा, ‘उस्ताद सुल्तान खान साहब, हमारे सबसे अधिक चहेते सारंगी वादक थे. उनकी समृद्ध विरासत जिंदा रहेगी.’ फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ में उस्ताद के साथ काम कर चुके संगीतकार इस्माईल दरबार ने कहा, ‘यह भारतीय संगीत जगत के लिये बड़ी क्षति है. मैं उनके निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. मैं जानता था कि वह कुछ समय से अस्वस्थ थे.’
उन्होंने कहा, ‘मेरा उनके साथ अलग तरह का तालमेल था. वह मेरे पिता के करीबी मित्र थे. मैं वह पहला व्यक्ति था जिसने उनसे फिल्म में गाना गाने को कहा. उन्होंने फिल्म के लिये ‘अलबेला सजन आयो रे..’ अद्भुत तरीके से गाया.’ खान के साथ ‘ले जा ले जा’ गाने वाली श्रेया घोषाल ने भी उस्ताद के निधन पर शोक जाहिर किया.