अमेरिका के एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने कहा कि उनका देश ओसामा बिन लादेन के शव के डीएनए विश्लेषण और अन्य परीक्षणों से पूरी तरह आश्वस्त हो गया है कि अलकायदा प्रमुख मारा जा चुका है और उसकी गलत पहचान की संभावना नहीं के बराबर है.
दरअसल ओसामा बिन लादेन की हत्या के बाद उसकी कथित गलत पहचान को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं. इसी पृष्ठभूमि में इस अधिकारी ने बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका ने कौन-कौन से कदम उठाए कि दो मई को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में अमेरिकी सैनिकों के हाथों ओसामा बिन लादेन ही मारा गया था.
अधिकारी ने बताया कि पहला, उस परिसर की एक महिला ने सैनिकों के समक्ष उसे बिन लादेन के रूप में पहचाना था. दूसरा, सीआईए के विशेषज्ञों ने चेहरा पहचान प्रक्रिया के माध्यम से, मृत व्यक्ति के चेहरे की बिन लादेन की उपलब्ध तस्वीरों से तुलना की और वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि मरने वाला बिन लादेन ही था.
इस प्रक्रिया में व्यक्ति की आंख, कान, नाक के आकार समेत चेहरे के अन्य क्षेत्रों की विशिष्टताओं की समानता की तुलना की जाती है और अंतर देखा जाता है.
अधिकारी ने पेंटागन में संवाददाताओं से कहा कि रक्षा विभाग और सीआईए की प्रयोगशालाओं में डीएनए के अलग अलग परीक्षणों से भी लादेन की पहचान की गयी. दरअसल लादेन के परिवार से ली गयी समग्र डीएनए प्रोफाइल की मृतक के शव के डीएनए के साथ तुलना की गई. विश्लेषण के आधार पर यह साफ हो गया कि यह निस्संदेह लादेन का ही डीएनए है.
अधिकारी ने पहचान न बताने की शर्त पर कहा कि ऐसे में गलत पहचान की संभावना बिल्कुल नहीं के बराबर है. अधिकारी ने बताया कि बिन लादेन और अन्य के बीच हुआ पत्राचार तथा कुछ वीडियो फुटेज भी उसके ठिकाने से मिले और उन्हें कुछ चुनिंदा पत्रकारों को दिखाया गया.
अधिकारी ने कहा, ‘‘अंतत: अलकायदा ने अपना बयान जारी कर ओसामा बिन लादेन की मौत की बात स्वीकार की. हमें उम्मीद थी कि अलकायदा उसकी मौत के बाद बयान जारी करेगा. हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि उसने अब तक किसी नये नेता की घोषणा नहीं की है, जिससे लगता है कि वह अब भी बिन लादेन की मौत से लगे झटके से उबरने का प्रयास कर रहा है.’’