सरकार ने ‘पात्र विदेशी निवेशक’ (क्यूएफआई) श्रेणी में म्युचुअल फंड की इक्विटी और ऋण योजनाओं में 13 अरब डालर तक के निवेश की मंजूरी दे दी. जिससे पूंजी बाजार में और मजबूती आने की संभावना है.
यह घोषणा उस वक्त की गई है जबकि अमेरिका की वित्तीय साख पर बट्टा लगाए जाने के बाद भारतीय बाजार से विदेशी संस्थागत निवेशों द्वारा पूंजी के बाहर निकले जाने की आशंका बन रही है.
वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, ‘फैसला किया गया है कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष जरिए से म्युचुअल फंड की इक्विटी योजनाओं में पात्र विदेशी निवेशक (क्यूएफआई) 10 अरब डालर तक का निवेश कर सकेंगे.’
इसी तरह विदेशी निवेशक उन म्युचुअल फंड योजनाओं में तीन अरब डालर का और निवेश कर सकेंगे जो बुनियादी ढांचा कंपनियों द्वारा जारी कापरेरेट बांड में पांच साल की निम्नतम परिपक्वता वाले बुनियादी ढांचा रिण में निवेश करते हैं.
क्यूएफआई वह व्यक्ति, सूमह या संघ या फिर विदेशी में रहने वाला व्यक्ति हो सकता है जो फिनांशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) मानक के अनुरूप है.
रिजर्व बैंक और सेबी ने इस मामले में अधिसूचना जारी कर दी है.
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