मई में मुद्रास्फीति बढ़कर 7.5 प्रतिशत पर पहुंचने से रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में कटौती किए जाने के आसार घट गए. इससे बैंकिंग व पूंजीगत सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में बिकवाली होने से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 203 अंक टूट गया.
मूडीज द्वारा स्पेन सरकार की साख घटाने जाने से वैश्विक बाजारों में नरमी के रुख से बीएसई सेंसेक्स कमजोर खुला और दिनभर नीचे रहने के बाद 203 अंक की गिरावट के साथ 16,677.88 अंक पर बंद हुआ.
मई में जहां सकल मुद्रास्फीति बढ़कर 7.5 प्रतिशत पर पहुंच गई, वहीं खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 10.74 प्रतिशत पर पहुंच गई. नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 66.70 अंक की गिरावट के साथ 5,054.75 अंक पर बंद हुआ. ब्रोकरों ने कहा कि मुद्रास्फीति के आंकड़ों से रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की कटौती किए जाने की उम्मीद धूमिल पड़ गई.
नोमुरा इंडिया की अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने कहा, ‘रिजर्व बैंक के समक्ष प्रमुख मुद्दा सुस्त वृद्धि दर में तेजी लाने या मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने का है.’ सेंसेक्स के शेयरों में सबसे अधिक झटका टाटा मोटर्स को लगा जिसका शेयर 4.56 प्रतिशत टूट गया. वहीं एलएंडटी 3.92 प्रतिशत और एनटीपीसी का शेयर 3.76 प्रतिशत टूट गया.
बैंकिंग शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक 1.5 से 3.5 प्रतिशत के दायरे में गिरावट के साथ बंद हुए.
सेंसेक्स में शामिल 30 में से 25 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि चार कंपनियों के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई. वहीं, टीसीएस बिना घटबढ़ के बंद हुआ। टाटा मोटर्स, एलएंडटी व एनटीपीसी के अलावा आईसीआईसीआई बैंक 3.5 प्रतिशत, एसबीआई 3.06 प्रतिशत, मारुति सुजुकी 2.58 प्रतिशत, टाटा पावर 2.33 प्रतिशत, हिंडाल्को 1.80 प्रतिशत, जिंदल स्टील 1.67 प्रतिशत और एचडीएफसी 1.63 प्रतिशत टूट गया.
इनके अलावा, सन फार्मा 1.56 प्रतिशत, भेल 1.54 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 1.53 प्रतिशत, टाटा स्टील 1.17 प्रतिशत, हिंदुस्तान युनिलीवर 1.15 प्रतिशत और गेल इंडिया 1.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ.