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देश पर सूखे का खतरा, कृ‍षि मंत्री को सुध नहीं

मानसून के धोखे से देश पर सूखे का गंभीर खतरा मंडरा रहा है लेकिन कृषि मंत्री पवार मशगूल हैं पावर गेम में. य़ूपीए सरकार और सहयोगी एनसीपी में पावर के लिए ऐसी खींचतान मची है कि वो 5 दिन से मंत्रालय ही नहीं जा रहे.

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शरद पवार
शरद पवार

मानसून के धोखे से देश पर सूखे का गंभीर खतरा मंडरा रहा है लेकिन कृषि मंत्री पवार मशगूल हैं पावर गेम में. य़ूपीए सरकार और सहयोगी एनसीपी में पावर के लिए ऐसी खींचतान मची है कि वो 5 दिन से मंत्रालय ही नहीं जा रहे. सवाल है ऐसे में सूखे से बेहाल जनता की सुध कौन लेगा?

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देख सकते हैं तो आखें खोलकर देखिए शरद पवार जी, आपके संसदीय क्षेत्र बारामती में किसान टैंकर से पानी लाकर फसल बचाने की कोशिश रहे हैं. सूखे के खतरे से देश के दूसरे हिस्सों में भी किसान त्राहिमाम कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी, देश के किसान आप से भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि मुसीबत की घड़ी में आप उनकी सुध लेंगे. लेकिन आपको झगड़ों से फुर्सत मिले तब ना. देश में मानसूनी की बारिश 22 फीसदी कम हुई है. जाहिर है जनता को बड़ी मुसीबत सामने खड़ी दिख रही है. लेकिन सरकार और सहयोगी अपनी अपनी धुन में मस्त है.

केंद्रीय मंत्री शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल 5 दिनों से मंत्रालय नहीं गए हैं. सूखे के संकट के बावजूद कृषि मंत्री शरद पवार को दफ्तर के कामकाज की चिंता नहीं. दूसरी तरफ सरकार की तरफ से भी विवाद सुलझाने में कोई जल्दबाजी नहीं दिख रही. सवाल है जब सरकार ही पटरी पर नहीं तो जनता को मुसीबत से कौन निकालेगा?

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एनसीपी ने सरकार से नाराजगी का खुल्लमखुला एलान कर दिया है. जाहिर है ये कांग्रेस पर दबाव बनाने की एनसीपी की रणनीति है लेकिन दबाव का कांग्रेस पर भी कोई असर नहीं दिख रहा. बातचीत से मसला सुलझाने का दावा तो है लेकिन जल्दबाजी नहीं.

कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी का कहना है कि गठबंधन में ऐसा होता है और जब दोनों दल बातचीत करेंगे तो मामले को सुलझा लिया जाएगा. अरे जनार्दन द्विवेदी जी, जनता जानती है कि सरकार और सहयोगी के मसले तो आप सुलझा ही लेंगे, सवाल यहां जनता के मसलों का है, जनता की मुसीबतों का है, आपकी लड़ाई में उनकी सुध कौन लेगा?

एनसीपी और सरकार के बीच खींचतान पर एनसीपी की बैठक भी हुई लेकिन सरकार में रहना है या बाहर जाना है इस पर कोई फैसला नहीं हो सका. अगली बैठक बुधवार को, जबतक जनता इंतजार करे.

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