फेसबुक पर Kumar Mohite ने लिखा है: 'अगर हक की मांग करने गई महिला को कई थप्पड़ लगाने वाले सरपंच को तुरंत जमानत दी जा सकती है, तो फिर सिर्फ एक थप्पड़ लगाने वाले हरविंदर को जमानत क्यों नहीं मिलनी चाहिए? क्या हरविंदर का अपराध इसलिए बड़ा है कि उसने एक केंद्रीय मंत्री को थप्पड़ मारा है?' ...ऐसे ही विचार और कई लोगों के हो सकते हैं. सवाल सरकार पर और उसकी नीयत पर भी है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को थप्पड़ मारने वाले हरविंदर सिंह गुस्से में था और महंगाई से अपने आप को त्रस्त बता रहा था. शरद पवार को पड़ी थप्पड़ की गूंज संसद के दोनों सदनों में हुई और सबने उसकी निंदा भी की. अन्ना ने इस पर बयान दिया और अपने ब्लॉग पर भी लिखा जिस पर काफी बवाल भी हुआ. शरद पवार के समर्थक सड़क से लेकर संसद तक हंगामा बरपाए.
पुलिस ने शरद पवार को थप्पड़ मारने के आरोपी हरविंदर सिंह को गिरफ्तार कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
फोटो देखें युवक ने कैसे जड़ा था शरद पवार को थप्पड़
पंजाब के मुक्तसर में महिला टीचर गुस्से में थी लेकिन वह सरपंच बलजिंदर सिंह को थप्पड़ नहीं मारी बल्कि सरपंच बलजिंदर सिंह से थप्पड़ खा गई. बलजिंदर ने महिला को एक थप्पड़ नहीं मारा बल्कि लगातार कई थप्पड़ जड़ दिए. काफी हंगामा भी हुआ लेकिन पुलिस इसे संज्ञान में नहीं ली. काफी मुश्किल से पुलिस ने इस मामले को दर्ज किया और महिला की सरेआम पिटाई के बावजूद बलजिंदर को तुरंत जमानत पर रिहा कर दिया गया.
यह दोनों घटनाएं इसी देश में हुई है, पहली घटना में एक आदमी ने केंद्रीय मंत्री को को थप्पड़ मारा, वहीं दूसरी घटना में एक सरपंच ने महिला टीचर को थप्पड़ मारा. कहा जाता है न्याय होना ही नहीं, दिखना भी चाहिए तो फिर इसे क्या कहा जाए.