दिनेश त्रिवेदी से जुडे विवाद के जारी रहने के बीच ही पश्चिम बंगाल से राज्यसभा की एक सीट पर कांग्रेस और तृणमूल के बीच एक और विवाद पैदा होने के आसार बन सकते हैं क्योंकि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को कांग्रेस-वाम समर्थित उम्मीदवार बनने की अटकलें हैं.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेंगी. वहीं कांग्रेस का एक वर्ग का दृढ़ मत है कि पार्टी को इस सीट पर दावा नहीं छोड़ना चाहिए.
यह पूछे जाने पर कि क्या इस सीट के लिए लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस और वाममोर्चा के संयुक्त उम्मीदवार हो सकते हैं, कांग्रेस में पश्चिम बंगाल के प्रभारी शकील अहमद ने कहा, ‘मैं न तो इससे इंकार कर रहा हूं और न ही इसकी पुष्टि. यह मेरी जानकारी में नहीं है. इस पर चर्चा नहीं हुई.’
गौरतलब है कि 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के 185 सदस्य, वाममोर्चा के 60 सदस्य, कांग्रेस के 42 सदस्य, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के चार, दो-दो सदस्य एसयूसीआई और निर्दलीय हैं.
राज्यसभा में तृणमूल को स्पष्ट रूप से तीन सीट मिल जायेगी क्योंकि इसके लिए प्रथम वरीयता के रूप में 50.50 सदस्यों का मत है. वाम मोर्चा को एक सीट मिलेंगी.
इसके बाद तृणमूल के पास 35 वोट बचते हैं जबकि वाममोर्चा के पास 10 वोट बचते हैं. कांग्रेस को लगता है कि वह एक सीट जीत सकती है क्योंकि उसे 43 सदस्यों का समर्थन है.
मीडिया और राजनीतिक हलकों में ऐसी अटकलें हैं कि लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा भेजा जा सकता है बशर्ते कांग्रेस और वाममोर्चा मिलकर यह निर्णय करते हैं.
इस विषय में सम्पर्क करने पर सोमनाथ ने कहा, ‘यह मेरे लिए खबर है. इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है.’ उधर जब शकील अहमद से यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस और वाममोर्चा का संयुक्त उम्मीदवार होगा, तो उन्होंने कहा, ‘इस समय वाममोर्चा के साथ संयुक्त उम्मीदवार का प्रश्न नहीं है.’ उन्होंने कहा कि सोमनाथ प्रतिष्ठित सांसद रहे हैं और कांग्रेस उनका सम्मान करती है.