कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने असम हिंसा की पृष्ठभूमि में देश में सामाजिक सौहाद्र्र को बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की वकालत की और पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा को गहरे दुख और चिंता का विषय बताया.
20वें राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार प्रदान करने से संबंधित समारोह के दौरान सोनिया ने कहा कि असम में जो कुछ हुआ वह गहरे दुख और चिंता का विषय है. इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की जानी चाहिए, चाहे वे जो भी हों.
उन्होंने कहा कि असम में जातीय हिंसा की पृष्ठभूमि में कुछ राज्यों में पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ जो कुछ हो रहा है, उसकी समाज के हर वर्ग के लोगों को निंदा करनी चाहिए.
सोनिया ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो सौहार्द बिगाड़ने का काम कर रहे हैं.
सोनिया ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में सामाजिक समरसता कायम रखना देश के समक्ष बड़ी चुनौती है. कांग्रेस अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि देश के लोगों को किसी भी हिस्से में रहने और आजीविका का अधिकार है.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती उन लोगों से है जो सामाजिक सौहार्द और एकता के दुश्मन हैं और ऐसे लोग सही अथरे में देशभक्त हैं जो इसका मुकाबला करते हैं और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देते हैं.
जयपुर स्थित भगवान महावीर विकलांग साहित्य समिति के मुख्य संरक्षक एवं संस्थापक डी आर मेहता को पुरस्कार प्रदान करते हुए सोनिया ने कहा कि राजीव गांधी ने हमेशा सामाजिक एवं सम्प्रदायिक तनाव तथा घृणा के खिलाफ संघर्ष किया.