भारत के एक दिवंगत प्रधानमंत्री की सादगी पसंद पत्नी से लेकर सियासत की बुलंदियों को छूने का मुकाम पा चुकीं सोनिया गांधी इतालवी नागरिकों के जेहन में एक ऐसी भारतीय के तौर पर रची-बसी हैं जो भारत के हितों के प्रति वफादार है.
दिलचस्प तो यह है कि सोनिया और राजीव गांधी की प्रेमकथा इटली के ज्यादातर लोगों के लिए अब भी परी कथा सरीखी है.
इटली में सादगीपूर्ण शुरुआत से लेकर भारत की राजनीति में शिखर का स्पर्श करने तक के यूपीए की मुखिया सोनिया गांधी के सफर की बाबत 35 साल के ड्राइवर अमबटरे कैटालेनो कहते हैं ‘यह एक ख्वाब की मानिंद है.’
जब कैटालेनो और उनके दो दोस्तों से बातचीत के दौरान यह सवाल किया कि क्या वह सोनिया गांधी के बारे में जानते हैं, तो कैटालेनो ने तपाक से बड़े हौसले के साथ ‘हां’ में जवाब दिया.
कैटालेनो ने कहा ‘बिल्कुल, इटली के ज्यादातर लोगों के लिए उनकी प्रेमकथा अब भी परी कथा सरीखी है. ब्याह रचाने के बाद तो उन्होंने खुद को पूरी तरह एक भारतीय के रूप में तब्दील कर लिया है. यह दिखाता है कि प्यार की कोई संस्कृति, सरहदें, नस्लें नहीं होती और न कोई मजहब होता है.’
रोम की एक व्यस्त गली में अपनी दुकान चलाने वालीं डेबोरा लेप्रे सोनिया गांधी के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित नजर आयीं. लेप्रे ने कहा ‘हम सुनते हैं कि वह भारत में सबसे ताकतवर और प्रभावशाली राजनीतिज्ञ हैं. हममें से ज्यादातर लोग उन पर बहुत गर्व करते हैं.’ रोम की सेंट लुइस यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने भी 1968 में राजीव गांधी से ब्याह के बाद भारत में ही रह रहीं सोनिया गांधी के बारे में अपने कुछ ऐसे ही अहसासों का इजहार किया.{mospagebreak}
यूनिवर्सिटी में साहित्य के एक छात्र ने कहा ‘यह परीकथा सी प्रेम कहानी है. मैं अपनी जिंदगी में यह सोच भी नहीं सकता कि एक छोटे से शहर की लड़की एक ताकतवर प्रधानमंत्री के बेटे से दिल लगा बैठती है और उससे शादी के बाद बिल्कुल ही एक अलग संस्कृति और राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार के साथ तालमेल बिठा लेती है.’
एक अन्य छात्र ने कहा ‘वह (सोनिया गांधी) दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र की एक राजनीतिक पार्टी की अध्यक्षता कर रही हैं. यह सुनकर ऐसा लगता जैसे मैं कोई उपन्यास पढ़ रहा हूं.’
हाल ही में सेंट लुइस यूनिवर्सिटी में अपने एक व्याख्यान के दौरान भारतीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा था ‘व्यापारिक संबंधों के अलावा भी इटली के साथ हमारे संबंध काफी गहरे रहे हैं क्योंकि हमारी यूपीए अध्यक्ष इसी देश से ताल्लुक रखती हैं.’