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यूरो फुटबॉलः स्पेन की नजरें हैट्रिक जीत पर

यूरो फुटबाल चैम्पियनशिप के पहले मुकाबले में शुक्रवार को पोलैंड का सामना 2004 के अप्रत्याशित विजेता यूनान से होगा. मौजूदा चैम्पियन और विश्व विजेता स्पेन की नजरें खिताब की हैट्रिक का रिकार्ड बनाने पर लगी होंगी.

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यूरो फुटबाल चैम्पियनशिप
यूरो फुटबाल चैम्पियनशिप

यूरो फुटबाल चैम्पियनशिप के पहले मुकाबले में शुक्रवार को पोलैंड का सामना 2004 के अप्रत्याशित विजेता यूनान से होगा. मौजूदा चैम्पियन और विश्व विजेता स्पेन की नजरें खिताब की हैट्रिक का रिकार्ड बनाने पर लगी होंगी.

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शुक्रवार से शुरू हो रही चैम्पियनशिप का फाइनल एक जुलाई को कीव में खेला जायेगा. युएफा अध्यक्ष माइकल प्लातिनी का मानना है कि इस बार भी फाइनल स्पेन और जर्मनी के बीच खेला जायेगा.

स्पेन का लक्ष्य जहां लगातार तीसरा खिताब जीतना है, वहीं जर्मनी 2008 में और दो साल बाद विश्व कप सेमीफाइनल में मिली हार का बदला चुकता करना चाहेगा.

विंसेंटे डेल बोस्क की टीम में करिश्माई डिफेंडर कार्ल्स पुयोल और रिकार्ड गोलस्कोरर डेविड विया नहीं हैं. दोनों चोट के कारण बाहर हैं. चेलसी के स्ट्राइकर फर्नांडो टोरेस और बार्का के डिफेंडर गेरार्ड पाइक के खेलने पर भी संदेह है. युवा डिफेंडर जावी मार्तिनेज का हालांकि मानना है कि वे पुयोल और विया की भरपाई कर सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘जिनका टीम में चयन हुआ है, वे भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. सभी की मदद से उन दोनों की कमी पूरी हो सकती है.’ दूसरी ओर जर्मन टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ यूरो 2012 के लिये क्वालीफाई किया लेकिन फरवरी में दोस्ताना मैचों में फ्रांस और मई में स्विटजरलैंड से मिली हार ने सवाल उठाये हैं.

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यह भी देखना होगा कि टीम के बायर्न म्युनिख स्टार बुंडेस्लिंगा और जर्मन कप फाइनल में बोरूसिया डार्टमंड और चैम्पियंस लीग में चेलसी से मिली हार के सदमे से उबर पाते हैं या नहीं. जर्मन टीम के मैनेजर ओलिवर बीयेरहाफ अपेक्षाओं के दबाव को तूल नहीं देना चाहते. उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों में गजब का आत्मविश्वास है लेकिन अभी टीम को कसौटी पर कसना बाकी है.’

उन्होंने कहा, ‘विश्व कप 2006 में यह अनिश्चित था कि टीम अपेक्षाओं के दबाव को सह पायेगी या नहीं. हम तीसरे स्थान पर रहे. फिर 2010 में हमारी टीम काफी युवा थी और समझ में नहीं आ रहा था कि खिलाड़ियों में तालमेल बनेगा या नहीं. फ्रांस और स्विटजरलैंड के खिलाफ पिछले मैचों में प्रदर्शन खराब रहा लेकिन हम जानते हैं कि जर्मन खिलाड़ियों पर अपेक्षाओं का भारी दबाव है.’

स्पेन और जर्मनी यदि अपेक्षा के अनुरूप नहीं खेल पाते हैं तो हालैंड को फायदा होगा जो 1988 के बाद दूसरा यूरोपीय खिताब जीतना चाहता है. डच खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन वे अपना नुकसान खुद कराने के लिये बदनाम हैं.

दूसरी ओर फिटनेस समस्या से जूझ रहे इंग्लैंड से कोई खास अपेक्षायें नहीं हैं. बतौर कोच रोय होगसन का यह पहला टूर्नामेंट है. टीम क्वार्टर फाइनल में भी पहुंचती है तो इसे कामयाबी ही माना जायेगा.

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