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स्पेन ने इटली को 4-0 से हराकर रचा इतिहास

विश्व और यूरोपीय चैम्पियन स्पेन ने यूरो 2012 फुटबाल चैम्पियनशिप के एकतरफा फाइनल में इटली को 4- 0 से रौंद दिया. इसी के साथ स्‍पेन इतिहास रचते हुए लगातार तीन बड़े खिताब जीतने वाली दुनिया की पहली टीम बन गया.

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यूरो 2012 खिताब के साथ जश्‍न मनाती स्‍पेन टीम
यूरो 2012 खिताब के साथ जश्‍न मनाती स्‍पेन टीम

विश्व और यूरोपीय चैम्पियन स्पेन ने यूरो 2012 फुटबाल चैम्पियनशिप के एकतरफा फाइनल में इटली को 4- 0 से रौंद दिया. इसी के साथ स्‍पेन इतिहास रचते हुए लगातार तीन बड़े खिताब जीतने वाली दुनिया की पहली टीम बन गया.

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विन्सेंट डेल बोस्क की टीम इसके साथ ही यूरोपीय खिताब की रक्षा करने वाली पहली टीम के अलावा लगातार तीन बड़े खिताब जीतने वाले पहली टीम भी बनी. स्पेन ने इससे पहले 2008 में यूरो कप और 2010 में विश्व कप जीता था.

लीग और नॉकआउट चरण के मैचों में आक्रामक क्षमता खोने जैसी बातों का सामना कर रही स्पेन की टीम ने यहां फाइनल में अपने आक्रामक खेल से साबित कर दिया है कि स्पेन फुटबाल का स्वर्णिम युग अभी आगे भी जारी रहेगा.

स्पेन की जीत में आंद्रेस इनिएस्टा और जावी की भूमिका अहम रही जिन्होंने डेविड सिल्वा (14वें मिनट), जोर्डी अल्बा (41वें मिनट) और फर्नान्डो टोरेस (84वें मिनट) के गोल में अहम भूमिका निभाई. जुआन मार्टा (88वें मिनट) ने टीम की ओर से चौथा गोल दागा.

यूरो 2008 में जर्मनी के खिलाफ निर्णायक गोल दागने वाले टोरेस भी इस दौरान दो यूरोपीय चैम्पियनशिप के फाइनल में गोल दागने वाले पहले खिलाड़ी बने.

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यूरो टूर्नामेंट के इतिहास में खिताबी जीत के दौरान यह जीत का सबसे बड़ा अंतर है. इससे पहले पश्चिम जर्मनी ने 1972 में सोवियत संघ को 3- 0 से हराया था. स्पेन ने इसके साथ ही जर्मनी (1972, 1980 और 1992) के अलावा तीन बार यूरो खिताब जीतने वाली एकमात्र टीम बनने की उपलब्धि भी हासिल की. स्पेन ने इससे पहले 1964 और 2008 में खिताब जीता था. दूसरी तरफ नॉकआउट में जर्मनी और इंग्लैंड जैसी टीमों को बाहर का रास्ता दिखाने वाली अजूरी टीम बिलकुल भी लय में नहीं दिखी. जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल जीत के हीरो मारियो बालोटेली को अपने प्रयासो का कोई लाभ नहीं मिला जबकि आंद्रिया पिलरे को स्पेन के मिडफील्ड ने उलझा कर रखा.

इटली को इसके अलावा अपने सभी स्थानापन्न खिलाड़ियों को इस्तेमाल करने के कारण अंतिम 30 मिनट में सिर्फ 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा जिससे स्पेन की राह और भी आसान हो गई और उसने इस दौरान दो और गोल दागे. थियागो मोटा इटली के तीसरे और अंतिम स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में उतरने के कुछ देर बाद ही 61वें मिनट में चोटिल हो गए थे जिससे टीम को बाकी समय 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले कुछ समय में स्पेन के दबदबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 51 प्रतिस्पर्धी मैचों में उसे सिर्फ दो बार हार का मुंह देखना पड़ा है. एंटवर्प ओलंपिक 1920 के बाद यह पहला मौका है जब स्पेन ने प्रतिस्पर्धी फुटबाल में 90 मिनट के भीतर इटली को हराया है.

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इटली के कोच सेजार प्रेंडेली के लिए हालांकि यह मुकाबला निराशाजनक रहा. इटली ने उनके मार्गदर्शन में इससे पहले 15 मैचों में से एक भी नहीं गंवाया था और टीम ने इस दौरान 10 मैचों में एक भी गोल नहीं खाया लेकिन स्पेन के आक्रामक खेल के सामने उनके खिलाड़ियों की एक नहीं चली. स्पेन ने मैच में तूफानी शुरुआत की. पुर्तगाल के खिलाफ सेमीफाइनल से बाहर सेस्क फेब्रेगास की स्पेन के शुरुआत लाइन अप में वापसी हुई और वह अपनी ‘फाल्स नाइन’ की भूमिका में ही खेले जो उन्होंने इटली के खिलाफ 10 जून को ग्रुप सी मैच में 1-1 के ड्रॉ के दौरान निभाई थी.

इटली के कोच प्रेंडेली ने भी अपने शुरुआती लाइन अप में एक बदालव करते हुए फेडरिको बालजारेती की जगह इग्नाजियो एबेट को उतारा. जावी को 10वें मिनट में गोल करने का शानदार मौका मिला लेकिन उनका दमदार शाट गोलकीपर जियानलुइगी बुफोन के ऊपर से निकल गया.

स्पेन ने हालांकि चार मिनट बाद बढ़त बना ली. इनिएस्टा ने दायीं छोर से सेस्क फेब्रेगास को शानदार पास दिया जिन्होंने तेजी दिखाते हुए सिल्वा को क्रास दिया और उन्हें इसे हैडर से गोल के अंदर पहुंचाने में कोई दिक्कत नहीं हुई.

इटली को धीमी शुरुआत का खामियाजा भुगतना पड़ा. टीम को शुरुआत में ही बदलाव करने को मजबूर होना पड़ा जब जियोर्जियो चिलेनी चोटिल हो गए और कोच ने उनकी जगह लेफ्ट बैक में बालजारेती को उतारा. इटली को भी इसके बाद मौका मिला लेकिन एंटोनियो कसानो स्पेन के गोलकीपर इकेर कैसिलास को छकाने में नाकाम रहे और उनका धीमा शॉट थामने में गोलकीपर को कोई दिक्कत नहीं हुई.

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इटली के स्ट्राइकर कसानो को दोबारा मौका मिला लेकिन इस बार रीयाल मैड्रिड के गोलकीपर कैसिलास ने बाक्स के बाहर से मारे उनके दनदनाते हुए शाट को बाहर का रास्ता दिखा दिया. स्पेन ने मध्यांतर से ठीक पहले अपने हमलों में तेजी दिखाई जिसका उसे फायदा भी मिला जब पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाले जोर्डी अल्बा ने 41वें मिनट में जावी के शानदार पास पर गेंद को गोल की राह दिखा दी.

प्रेंडेली ने हॉफ टाइम के समय कसानो की जगह एंटोनियो डि नटाले को उतारा. डि नटाले ने मैदान पर उरतने ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. एबेट के क्रास पर उनका हैडर गोल के फपर से निकल गया जबकि कुछ मिनट बाद वह दोबारा स्पेन के डिफेंस को भेदने में सफल रहे लेकिन इस बार कैसिलास ने उनके प्रयास को नाकाम कर दिया.

दूसरी तरफ बुफोन ने फेब्रेगास के प्रयास को नाकाम किया. इस दौरान इटली की टीम भाग्यशाली रही जब सर्जियो रामोस का हैडर लियोनार्डो बेनुची के हाथ में लगने के बावजूद रैफरी इसे नहीं देख पाए और उन्होंने पेनल्टी किक नहीं दी.

इटली की वापसी की उम्मीद उस समय समाप्त हो गई जब मैच खत्म होने से लगभग आधा घंटा पहले मोटा को पैर की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण स्ट्रैचर पर बाहर ले जाना पड़ा और प्रेंडेली की टीम को बाकी मैच 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा. वह इससे पांच मिनट पहले ही रिकार्डो मोटोलिवो की जगह मैदान पर उतरे थे.

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मैच इसके बाद रोमांच की थोड़ी कमी दिखी लेकिन टोरेस ने मैदान पर उतरने की माहौल बदल दिया. उन्होंने जावी के पास पर 84वें मिनट में टीम की ओर से तीसरा गोल दागा जबकि इसके बाद चेल्सी के अपने साथी खिलाड़ी माटा को 88वें मिनट में चौथा गोल करने में मदद की.

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