नोएडा के बहुचर्चित आरुषि तलवार और हेमराज हत्याकांड में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने गुरुवार को आरुषि के माता-पिता एवं दंत चिकित्सक राजेश एवं नूपुर पर आरोप तय किए.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.लाल ने नूपुर और राजेश पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302/34 और 201/34 के तहत आरोप तय किए.
पुलिस को गुमराह करने के लिए राजेश पर 203/34 के तहत भी आरोप तय किए गए.
इससे पहले जिरह के दौरान सीबीआई के वकील आर.के. सैनी ने कहा कि माता-पिता ही अपनी बच्ची के हत्यारे हैं.अपने अपराध को छुपाने के लिए उन्होंने मौका-ए वारदात पर काफी कुछ बदल दिया. वकील ने न्यायालय से उन पर आरोप तय करने का अनुरोध किया.
सीबीआई की दलीलों का विरोध करते हुए बचाव पक्ष के वकील मनोज सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई की ओर से पेश किए गए सबूत बेमानी हैं. उन्होंने कहा कि क्लोजर रिपोर्ट अपने आप में इस बात का प्रमाण है कि तलवार दंपत्ति के खिलाफ कोई सबूत नहीं है.
उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी बात यह है कि सीबीआई द्वारा किए गए सभी वैज्ञानिक परीक्षण उसके खिलाफ गए. इसलिए सीबीआई अपराध साबित करने में नाकाम रही है.
वकील ने गोल्फ स्टिक भी अदालत में पेश की और कहा कि आरुषि के छोटे से कमरे में यह स्टिक हथियार की तरह इस्तेमाल नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि न तो परिस्थितिजन्य साक्ष्य और न ही सीबीआई की दलीले आरोप निर्धारण के हक में हैं. इसलिए तलवार दंपत्ति को मुक्त कर दिया जाना चाहिए.