आरुषि मर्डर केस में गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने नूपुर तलवार के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. इससे नूपुर तलवार की गिरफ्तारी तय हो गई है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की गई है.
नूपुर तलवार बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित नहीं हुईं. इसके बाद सीबीआई ने नूपुर तलवार के खिलाफ वारंट जारी करने की मांग की. साथ ही सीबीआई ने डॉ. राजेश तलवार को रिमांड पर लेने की मांग की है.
खास बात यह है कि बुधवार को ही डॉ. राजेश तलवार की जमानत की मियाद खत्म हो रही है. इस वजह से मामला बेहद अहम हो जाता है.
इससे पहले 9 अप्रैल को कोर्ट ने इस मामले में एक अहम निर्देश दिया था. अपनी बेटी आरुषि की हत्या के मामले में मुकदमे का सामना कर रही दंत चिकित्सक नुपूर तलवार को झटका देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने पिछले महीने के उस आदेश को निलंबित कर दिया था, जिसके तहत गाजियाबाद की सीबीआई अदालत से उनकी ओर से दी गई जमानत याचिका पर ‘तेजी से सुनवाई करने’ का आदेश दिया गया था.
आरुषि मर्डर केस में अदालत ने सीबीआई की ओर से दायर रिकॉल आवेदन पर यह आदेश दिया. सीबीआई ने कहा कि तलवार ने गलत सूचना देकर अपने पक्ष में आदेश हासिल किया. उसने नुपूर तलवार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की.
न्यायमूर्ति बालकृष्ण नारायण ने अपने 13 मार्च 2012 के आदेश को निलंबित करते हुए नुपूर से दो हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने और निचली अदालत के पास से मुकदमे से जुड़े रिकार्ड मंगाए.
सीबीआई के वकील अनुराग खन्ना के अनुसार जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि नुपूर ने अपनी याचिका में निचली अदालत को यह निर्देश देने की गुहार लगाई थी कि उनकी जमानत याचिका पर उसी दिन फैसला किया जाए और उन्होंने ‘गलत’ कहा था कि उन्हें इस तरह की राहत अब तक नहीं मिली है.