पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर डीजल की कारों पर उत्पाद शुल्क बढाने की मांग की है ताकि इन वाहनों में इस्तेमाल होने वाले सब्सिडीशुदा ईंधन की पूर्ति की जा सके.
रेड्डी ने पिछले सप्ताह इस बारे में मुखर्जी को पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि पेट्रोल व डीजल के दाम में 30.25 रुपये प्रति लीटर का अंतर है जिस कारण डीजल से चलने वाली कारों की बिक्री अनाप शनाप बढ़ रही है.
सूत्रों का कहना है कि इस पत्र में उल्लेख किय गया है कि दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.16 रुपये तथा डीजल की कीमत 40.91 रुपये प्रति लीटर है.
इसके अलावा इन ईंधनों पर उत्पाद शुल्क की दर में भी 12.72 रुपये प्रति लीटर का अंतर है. पेट्रोल पर 14.78 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 2.09 रुपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क लगता है.
रेड्डी ने कहा है कि डीजल पर 12.53 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी को ध्यान में रखा जाए तो पेट्रोल व डीजल की कीमत में अंतर 25.75 रुपये प्रति लीटर हो जाती है.
छोटी कारों की माइलेज 18 किलोमीटर प्रति लीटर तथा मीडियम या मध्यम आकार की कारों की माइलेज 12 किलोमीटर प्रति लीटर है. इसे देखते हुए इन कारों को दिया गया लाभ क्रमश: 1.70 लाख रुपये व 2.55 लाख रुपये है.
यह तर्क दिया जा रहा है कि धनी लोगों को सब्सिडीशुदा ईंधन नहीं दिया जाना चाहिए. पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुमानों का कहना है कि 15 प्रतिशत डीजल की खपत व्यक्तिगत कारों व एसयूवी में होती है.