पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की.
ममता ने प्रधानमंत्री से मांग की कि राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) के गठन को अमली जामा तब तक नहीं पहनाना चाहिए जबतक कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और राज्यों के बीच आम सहमति नहीं बन जाती.
प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के बाद ममता ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें भरोसा दिया गया है कि प्रस्तावित एनसीटीसी को तबतक क्रियाशील नहीं बनाया जाएगा जबतक कि राज्यों के साथ परामर्श की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती.
ममता से यह पूछे जाने पर कि प्रस्तावित एनसीटीसी को क्रियाशील बनाने से पहले राज्यों के साथ परामर्श करने के बारे में क्या प्रधानमंत्री ने उन्हें भरोसा दिया. इस पर ममता ने कहा, 'मुझे भरोसा दिया गया.'
ममता के मुताबिक उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि एनसीटीसी अपने मौजूदा स्वरूप में संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाएगा.
ममता ने कहा, 'एनसीटीसी का हवाला देकर वे किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं, किसी चीज के बारे में पूछताछ कर सकते हैं..कहीं से भी पुलिस की मांग कर सकते हैं. यह संघीय ढांचे के विपरीत है.'
ममता के मुताबिक प्रधानमंत्री ने उन्हें बताया कि उन्होंने राज्यों से परामर्श करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम को निर्देश दिया है.
एनसीटीसी के अलावा ममता ने बांग्लादेश के साथ तीस्ता जल करार और गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन पर हुए त्रिपक्षीय समझौते के मुद्दों को उठाया.
उल्लेखनीय है कि बनर्जी के अलावा एनसीटीसी का विरोध ओडिशा, त्रिपुरा, तमिलनाडु, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड के मुख्यमंत्री कर रहे हैं.