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देशभर में श्रमिकों की हड़ताल, जनजीवन प्रभावित

देशभर में मंगलवार को श्रमिक संगठनों की 24 घंटे की हड़ताल के कारण देश की परिवहन, बैंकिंग और डाक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है. केंद्र सरकार का हड़ताल को टालने का प्रयास सोमवार को भी असफल रहा.

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देशभर में मंगलवार को श्रमिक संगठनों की 24 घंटे की हड़ताल के कारण देश की परिवहन, बैंकिंग और डाक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है. केंद्र सरकार का हड़ताल को टालने का प्रयास सोमवार को भी असफल रहा. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बड़े श्रमिक संगठनों और 5000 अन्य संगठनों से हड़ताल वापस लेने की अपील की थी, लेकिन संगठनों ने यह कहकर हड़ताल वापस लेने से इंकार कर दिया कि यह अपील हड़ताल से सिर्फ 48 घंटे पहले की गई.

कुछ श्रमिक संगठनों ने हालांकि हड़ताल का विरोध किया है, इनमें शामिल हैं कांग्रेस पार्टी समर्थित इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक). इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक चौधरी ने आईएएनएस से कहा, 'हड़ताल राजनीति से प्रेरित है और अवैध है.' संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के घटक दलों से सम्‍बंधित श्रमिक संगठनों ने भी हड़ताल से अलग रहने की बात कही है.

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हड़ताल करने वाले श्रमिक संगठन असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना चाहते हैं और राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा कोष का गठन, आधारभूत श्रमिक कानून और श्रम कानून का उल्लंघन करने वालों को कठोर दंड की मांग कर रहे हैं.

न्यूनतम मजदूरी कानून में संशोधन, पेंशन का प्रावधान, ठेके पर नियुक्ति बंद करना, लाभ कमाने वाली सरकारी कम्पनियों की विनिवेश प्रक्रिया बंद करना भी उनकी मांगों में शामिल है. हड़ताल के दौरान बैंकिंग, परिवहन, डाक और बंदरगाह संचालन प्रभावित होने का अनुमान है.

परिवहन क्षेत्र में विमानन कम्पनी एयर इंडिया ने हालांकि आईएएनएस से कहा कि उसका संचालन प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि उसके श्रमिक संगठन ने प्रबंधन को इसकी सूचना नहीं दी है. भारतीय रेल ने भी कहा है कि उसका संचालन सामान्य रहेगा, लेकिन प्रदर्शनकारियों द्वारा रेलमार्ग बाधित किए जाने की सम्भावना है. कई संगठन सड़क मार्गों को भी बंद कर सकते हैं.

केरल, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल जैसे साम्यवादी पार्टियों की मजबूत पकड़ वाले राज्यों में हड़ताल अधिक प्रभावकारी रहने की उम्मीद है. केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने हालांकि अखबारों में इश्तिहार देकर श्रमिकों को हड़ताल पर नहीं जाने का आह्वान किया है.

प्रमुख अखबारों के माध्यम से एक खुला पत्र जारी कर केंद्रीय श्रम मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'केंद्रीय श्रमिक संगठनों की अधिकतर मांगों पर ध्यान दिया गया है. लेकिन फिर भी मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि श्रमिकों की मांगों पर मैं किसी भी वक्त बातचीत करने के लिए तैयार हूं.'

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