भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक के एस सुदर्शन के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें ‘महान विचारक’ तथा ‘स्वप्नदृष्टा’ बताया. उन्होंने कहा कि उनके निधन से संघ परिवार को बड़ी क्षति हुई है.
गडकरी ने संवाददाताओं से कहा कि वह (सुदर्शन) कट्टर राष्ट्रवादी थे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया और आरएसएस के नेटवर्क को बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दिया. सुदर्शन देश के विभिन्न हिस्सों में आरएसएस के विभिन्न पदों पर काम करते हुए वर्ष 2000 में संगठन के सरसंघचालक बने और 2009 तक इस पद पर रहे. वह 81 साल के थे.
गडकरी ने उल्लेख किया कि सुदर्शन स्वदेशी, जैव ईंधन और उर्जा के वैकल्पिक स्रोत के धुर समर्थक थे और उनके पास पश्चिमी आर्थिक नीतियों के अनुकरण के बिना देश की तरक्की तथा दलितों के उत्थान की दृष्टि थी.
गडकरी ने कहा कि सुदर्शन के निधन से आरएसएस के शीर्ष सोपान में एक खालीपन आ गया है जिसे भरना मुश्किल होगा. उनके चले जाने से संघ परिवार में एक युग का अंत हो गया है. गडकरी ने बताया कि वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज और अरुण जेटली तथा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने की संभावना है.
भाजपा अध्यक्ष शनिवार को राजग की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना होंगे और रात ही राजधानी से लौट जाएंगे. सुदर्शन का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए यहां रेशमबाग में रखा जाएगा.