निर्धन बच्चों को आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिले के सपने को हकीकत में बदलने वाले सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार ने मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल से मिलकर उन्हें सुझाव दिया है कि आईआईटी में प्रवेश के लिए नया पैटर्न ऐसा होना चाहिए जिससे छात्रों को कोचिंग की जरूरत नहीं पड़े और शहरी एवं ग्रामीण बच्चों के बीच के फासले को कम किया जा सके.
आनंद कुमार ने नई दिल्ली में सिब्बल से भेंट की और आईआईटी प्रवेश की परीक्षा के नए पैटर्न के संबंध में कई महत्चपूर्ण सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि पैटर्न तनाव रहित और स्कूलों की पढ़ाई पर आधारित होना चाहिए. कुमार ने चिंता जताते हुए कहा कि नए पैटर्न की अभी घोषणा भी नहीं हुयी है और कोचिंग संस्थान नए पैटर्न की तैयारी के नाम पर मोटी रकम वसूल करने लगे हैं.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से 12वीं के अंकों को वेटेज देने तथा एप्टीट्यूट टेस्ट को शामिल किए जाने की बात की जा रही है, उससे छात्रों को तीन तरह के कोचिंग संस्थानों में जाने की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में कोचिंग को खत्म नहीं किया जा सकेगा और छात्रों को 12वीं के लिए, आईआईटी के सब्जेक्ट के लिए और एप्टीट्यूट टेस्ट के लिए कोचिंग संस्थानों में जाने की जरूरत पड़ेगी.
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में अमीर घरों के बच्चे तो खर्च वहन कर लेंगे लेकिन निर्धन परिवार के बच्चों के लिए विशेष समस्याएं पैदा होगीं. कुमार ने ऐसे सिंगल टेस्ट की वकालत की जो 12वीं के ज्ञान पर आधारित हो. उन्होंने कहा कि जब एम्स में सिंगल टेस्ट के जरिए छात्रों का दाखिला हो सकता है तो आईआईटी में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा कि सीटों के हिसाब से एम्स की प्रवेश परीक्षा में ज्यादा प्रतियोगी होते हैं. उन्होंने कहा कि आईआईटी प्रवेश के लिए टेस्ट पेपर 12वीं के ज्ञान पर आधारित होना चाहिए और इसके लिए आईआईटी के प्रोफेसर सीबीएसई के विशेषज्ञों के साथ मिलकर पेपर तैयार कर सकते हैं.
दुनिया भर में मशहूर कुमार ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा में ग्रामीण तथा निर्धन छात्रों को तीन मौके दिए जाने की वकालत करते हुए कहा कि ऐसा किए जाने से न सिर्फ उनकी भागीदारी बढ़ेगी बल्कि उन्हें कोचिंग की जरूरत भी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को तीन मौका दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को आईआईटी में प्रवेश के लिए पर्याप्त मौका नहीं मिल पाता. उल्लेखनीय है कि अभी आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सिर्फ दो बार ही शामिल होने की इजाजत है. आनंद कुमार ने उम्मीद जतायी कि सिब्बल उनके सुझावों को ध्यान में रखेंगे. सिब्बल ने कुमार को आश्वासन दिया है कि आईआईटी के नए पैटर्न को तैयार करते समय उनके सुझावों को ध्यान में रखा जाएगा.
उल्लेखनीय है कि आनंद कुमार ने 10 साल पहले ‘सुपर 30’ की शुरूआत की थी. और इसके तहत वह न सिर्फ निर्धन छात्रो को निशुल्क आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाते हैं बल्कि उनके आवास तथा भोजन की भी व्यवस्था करते हैं. अब तक सुपर 30 के माध्यम से 236 बच्चों का आईआईटी में प्रवेश पाने का सपना साकार हो चुका है.
आनंद कुमार की इस उपलब्धि की भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में चर्चा होती रही है. प्रतिष्ठित प्रत्रिका टाइम ने उनके स्कूल को ‘बेस्ट ऑफ एशिया’ बताया जबकि डिस्कवरी टीवी चैनल ने उन पर एक घंटे की डाक्यूमेंट्री बनायी है. ब्रिटेन की मशहूर पत्रिका ‘मोनोकल’ ने उन्हें विश्व के 20 सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों की सूची में शामिल किया है.