टी-20 वर्ल्ड कप के सुपर-8 में शुक्रवार को होने वाले दूसरे मैच में भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से होना है. दोनों ही टीमों ने अभी तक टूर्नामेंट में हार का स्वाद नहीं चखा है.
लीग मैचों में जहां भारत अफगानिस्तान और इंग्लैंड को मात देकर सुपर-8 में पहुंचा वहीं ऑस्ट्रेलिया ने अपने ग्रुप में आयरलैंड और वेस्टइंडीज को हरा टूर्नामेंट में शानदार आगाज किया.
कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम पर यह बड़ा मुकाबला खेला जाना है. 2007 की सफलता को दोहराने को आतुर टीम इंडिया इस मुकाबले के लिए कमर कसकर तैयार है.
दोनों ही टीमें ग्रुप मैचों में अजेय होकर सुपर-8 तक पहुंची हैं. ग्रुप-ए में भारत ने अपने पहले मुकाबले में अफगानिस्तान को 23 रनों से हराया था.
इस मैच में भारत का प्रदर्शन स्तरीय नहीं रहा था लेकिन इसकी भरपाई उसने मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड पर बड़ी जीत के साथ की थी. भारत ने इंग्लैंड को 90 रनों से हराया था. टी-20 वर्ल्ड कप में रन अंतर के लिहाज से भारत की यह सबसे बड़ी जीत है.
दूसरी ओर, ग्रुप-बी में ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज और आयरलैंड को पटखनी दी. वेस्टइंडीज के खिलाफ उसका मैच बारिश की भेंट चढ़ा. उस मैच में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया, लेकिन बल्लेबाजों के अच्छे प्रदर्शन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया डकवर्थ लुइस नियम के तहत विजयी रहा था. उससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने आयरलैंड को अपने पहले मैच में सात विकेट से हराया था.
अब तक के प्रदर्शन के लिहाज से दोनों टीमों को बराबर अंक दिए जा सकते हैं लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि ग्रुप स्तर पर दोनों के प्रदर्शन में किसी न किसी स्तर पर कमी देखने को मिली थी.
ऐसे में दोनों इस कमी की भरपाई करते हुए सुपर-8 में आगे का सफर जारी रखना चाहेंगे. भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि उसके स्टार स्पिनर हरभजन सिंह श्रीलंका की स्पिन लेने वाली पिचों पर लय में लौट चुके हैं और यह बात ऑस्ट्रेलिया को सबसे अधिक अखर रही होगी. इसीलिए ऑस्ट्रेलिया ने भज्जी से निपटने के लिए विशेष तैयारी की होगी.
ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छी खबर यह है कि उसका शीर्ष क्रम लय में है और इसका नजारा वेस्टइंडीज के खिलाफ देखने को मिला था, जब डेविड वार्नर, माइकल हसी और शेन वाटसन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 10 ओवरों में ही 100 से अधिक रन बटोर लिए थे.
दोनों टीमों की अपनी चिंताएं हैं और अपने-अपने स्तर पर खुशी की बात है. दोनों के लिए उपयुक्त टीम संयोजन एक चुनौती की तरह है क्योंकि दोनों इस मैच में कम से कम कोई प्रयोग नहीं करना चाहेंगी.
वीरेंद्र सहवाग ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलेंगे या नहीं, यह कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर निर्भर करेगा. वैसे कहा जाता है कि जीतने वाली टीम के संयोजन के साथ छेड़खानी ठीक नहीं होती लेकिन ऐसे में जबकि इरफान पठान शीर्ष क्रम पर नाकाम रहे, सहवाग को फिर से मौका देना जायज फैसला हो सकता है.
पठान को मध्यक्रम में रखकर भारतीय टीम लक्ष्मीपति बालाजी के स्थान पर मनोज तिवारी को मौका देने के बारे में सोच सकती है, लेकिन इस मामले में कोई भी फैसला मैच के दिन ही लिया जा सकेगा.