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विज्ञापन पाबंदी: सरकारी फैसले से मीडिया होगी प्रभावित

देश के न्यूज, एंटरटेनमेंट और स्पोर्ट्स चैनलों के लिए निराशा भरी खबर है. ट्राई ने विज्ञापनों की समय सीमा तय करने के ऐसे दिशा निर्देश जारी किए हैं जिससे देश भर के ब्रॉडकास्टर्स और विज्ञापन जगत पर असर पड़ेगा.

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ट्राई
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देश के न्यूज, एंटरटेनमेंट और स्पोर्ट्स चैनलों के लिए निराशा भरी खबर है. ट्राई ने विज्ञापनों की समय सीमा तय करने के ऐसे दिशा निर्देश जारी किए हैं जिससे देश भर के ब्रॉडकास्टर्स और विज्ञापन जगत पर असर पड़ेगा. प्रेस की आजादी पर सरकार का एक और हमला, इस बार चोट पहले से कहीं ज्यादा क्योंकि मामला सीधे-सीधे चैनलों की जीविका से जुड़ा है.

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ट्राई यानि टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नए दिशा निर्देशों में कहा गया है कि अब टेलीविजन चैनल एक घंटे में 12 मिनट से अधिक के विज्ञापन नहीं दिखा सकेंगे. ट्राई का ये नया फरमान पूर्व चेयरमैन जे एस शर्मा के रिटायर होने के ठीक एक दिन पहले आया है.

नेशनल ब्रॉडकास्‍टर्स एसोसिएशन (एनबीए) के प्रेसीडेंट के वी एल नाराणय राव ने कहा, 'हम ट्राई के दिशा निर्देशों से निराश हैं. हमें लगता है कि ये गलत समय में आया है. केबल एक्ट में विज्ञापन की अवधि को लेकर पहले से सीमा तय कर दी गई है.

ट्राई ने न्यूज चैनलों के लिए मौत की घंटी बजा दी है. न्यूज चैनल जीवित रहने के लिए विज्ञापनों पर निर्भर हैं, ग्राहकों से पैसा नहीं के बराबर मिलता है. उन्हें समझना चाहिए कि न्यूज चैनल विज्ञापनों को मजबूरी में दिखाते हैं ना कि अपनी इच्छा से. अगर न्यूज चैनलों पर प्रतिबंध लगाया गया तो फिर उनका अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा. विज्ञापनों की कोई भी सीमा तय करने का सीधा असर चैनलों की आय पर पड़ेगा. पहले से ही मुश्किलों से जूझ रहे इस कारोबार की हालत और ज्यादा खराब हो जाएगी.

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टीवी टुडे के सीईओ जॉय चक्रवर्ती ने इसपर कहा, 'हम 12 मिनट की बाध्यता को लागू करने का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन हम चाहते हैं कि ये काम योजनाबद्ध तरीके से हो, एक झटके में नहीं. लाइव प्रोग्रामिंग के लिए हमें विज्ञापनों पर निर्भर होना पड़ता है. हम इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाएंगे.'

न्यूज एक्स के को-प्रमोटर जहांगीर पोचा ने कहा, 'एक घंटे में 12 मिनट का विज्ञापन गलत नहीं है, ये ग्लोबल स्टैंडर्ड है. भारत में टेलीविजन कंपनियां इस दिशा में खुद ही आगे बढ़ रहीं थीं लेकिन ट्राई ने रातों रात ये फैसला ले लिया. ट्राई के इस फरमान पर सरकार का रुख फिलहाल साफ नहीं है.

इस मसले पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी का कहना है कि इस पर सभी पक्षों के साथ बात की जाएगी.

ट्राई के इस दिशा निर्देश से जहां न्यूज चैनलों में खलबली मच गई है वहीं विज्ञापन जगत भी अचंभे में है. नए नियम के लागू होने से उपभोक्ताओं पर व्यापक असर पड़ेगा. दर्शकों के पास कोई विकल्प नहीं बचेगा और उनके ऊपर बोझ पड़ेगा. ट्राई का ये दिशा निर्देश न्यूज चैनलों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है.

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