अपने विकल्पों को खुला रखते हुए अमेरिका और यूरोपीय संघ ने संकेत दिया है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर एक साल से भी ज्यादा वक्त के बाद उसके साथ बातचीत बहाल हो सकती है.
यह बातचीत शुरू होने का मार्ग तब प्रशस्त हुआ है जब ईरान वार्ता से पहले किसी तरह की शर्त न रखने पर राजी हो गया है. अमेरिकी और यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने सतर्कता बरतते हुए आशा जतायी कि ईरान नए सिरे से होने वाली वार्ता में प्रमुख देशों को शामिल करने की इच्छा जाहिर कर सकता है. लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी वार्ता परमाणु मुद्दे पर केंद्रित होनी चाहिए.
यूरोपीय विदेश नीति के प्रमुख कैथरीन एश्टन ने अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यह देखना बड़ा अच्छा है कि पत्र मिल गया है और इस बात की पुरजोर संभावना है कि ईरान वार्ता की शुरुआत के लिए राजी हो सकता है.’
एश्टन ने कहा कि बीते साल अक्तूबर में हमने जो पत्र भेजा था उसके जवाब में ईरान ने हमें एक पत्र भेजा था जो हमें मिल गया है, ‘हम अपने सहकर्मियों से मशविरा कर रहे हैं और इस बात का विश्लेषण कर रहे हैं कि इस पत्र के मायने क्या हैं.’ क्लिंटन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ईरान की ओर देख रहा है ताकि ईरान दिखा सके कि वह एक गंभीर एवं रचनात्मक तरीके से वार्ता की मेज पर आने को तैयार है.