भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में अपनी तरह की सबसे बड़ी कवायद के तहत टाटा समूह की कंपनी टाटा मोटर्स ने लगभग 1.40 लाख नैनो कार मालिकों से अपनी कार की स्टार्टर मोटर बदलवाने को कहा है. कंपनी यह मोटर बिना किसी लागत के बदलेगी.
कंपनी ने इस कारवाई को कारें वापस लेने (रिकॉल) कहने से इनकार करते हुए कहा है कि वह पुरानी स्टार्टर मोटर को नयी व 'बेहतर' मोटर से बदल रही है. ऐसा बताया जा रहा है कि इस कदम से कंपनी को लगभग 110 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा, 'हमने एक बेहतर स्टार्टर मोटर तैयार की है तथा हम अपनी पुरानी नैनो कार में भी इसे बदल कर दे रहे हैं ताकि वे और अच्छा प्रदर्शन कर सकें. हमें इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है और यह वापसी (रिकॉल) नहीं है.' प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने यह कार्रवाई अक्तूबर में शुरू की थी और अब तक लगभग 50,000 नैनो में पहले ही मोटर बदली जा चुकी है.
उन कारों की कुल संख्या जिनमें यह मोटर बदली जानी है, पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा, 'हम नवंबर में नैनो 2012 की पेशकश से पहले की सभी पुरानी नैनो कारों में इस उपकरण को बदलेंगे.'
भारतीय ऑटोमोबाइल विनिर्माताओं की सोसायटी (सियाम) के अनुसार टाटा मोटर्स ने नवंबर 2011 तक 1,40,428 नैनो बेची थी. सबसे सस्ती कार के नाम से प्रचारित यह लखटकिया कार 2009 में बाजार में आई थी.
इस साल 21 नवंबर को कंपनी ने मजबूत शक्तिशाली इंजिन, ईंधन क्षमता में सुधार और नई सुविधाओं के साथ उन्नत नैनो बाजार में उतारी थी.