सेना को ट्रकों की आपूर्ति संबंधी विवादों में घिरे वेक्ट्रा समूह के प्रमुख रवि ऋषि और उनकी कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग (काले धन को सफेद बनाने) का मामला दर्ज किया है.
निदेशालय ब्रिटेन की कंपनी टाट्रा सिपॉक्स और भारत में रक्षा उत्पादन क्षेत्र में लगे सरकारी उपक्रम बीईएमएल के बीच हुए करार में कथित रूप से गैरकानूनी तरीके से धन की कमाई किए जाने के मामले की जांच कर रहा है. एजेंसी ने इस मामले में सीबीआई और अन्य सरकारी स्रोतों से प्राप्त शुरुआती ब्यौरा हासिल होने के बाद यह मामला दर्ज किया. अब इस मामले में ऋषि और कुछ अन्य व्यक्तियों से पूछताछ की जा सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय यह जांच कर रहा है कि कहीं इन रक्षा सौदों और समझौते में शामिल लोगों ने इन सौदों की कीमतें जानबूझकर ऊंची कर या बिना हिसाब किताब दिखाए सौदे कर गैर कानूनी कमाई तो नहीं की. जांच का विषय यह भी है कि कहीं इस तरह के धन को निवेश के किसी तरीके से वैध करने की चाल तो नहीं खेली गई. सीबीआई ने इससे पहले सेना को टाट्रा ट्रक की आपूर्ति में कथित तौर पर अनियमितताओं के संबंध में ऋषि से कई बार पूछताछ कर चुकी है।
प्रवर्तन निदेशालय ने ऋषि से टाट्रा सिपॉक्स और बीईएमएल के साथ 1997 में हुए समझौते से जुड़े दस्तावेज पेश करने के लिए कहा है. इन दस्तावेज में वित्तीय ब्यौरा और टैक्स रिटर्न भी शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि जरूरत पड़ी तो निदेशालय बीईएमएस से और रक्षा मंत्रालय से इसी तरह के दस्तावेज मांग सकता है.