अरुणाचल प्रदेश के मशहूर त्वांग मठ पर इसके आसपास हुए भूस्खलन के कारण खतरा मंडरा रहा है.
अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी पर स्थित 330 साल पुराने गादेन नांग्याल लात्से मठ के आसपास हुए भूस्खलन के कारण इस पर खतरा मंडरा रहा है. भूस्खलन से इसके आसपास के बगीचे और बिजली के कुछ खंबें पहले ही क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
मुख्यमंत्री दोरजी खांडू ने मौके का दौरा करके वहां हुए नुकसान का जायजा लिया और मठ को नुकसान से बचाने के लिए जिला प्रशासन तथा लोकनिर्माण विभाग को अपने कर्मचारी और मशीने तैनात करने के निर्देश दिए.
खांडू ने कहा कि विश्व के सबसे बडे मठों में से एक त्वांग मठ को बचाने के लिए वह इस मुद्दे को केंद्र के सामने उठाएंगे.
बौद्ध धर्म के गेलुग्पा मतावलंबी मेरा लामा लोद्र ग्यात्सों ने पांचवे दलाई लामा की स्मृति में इस मठ का निर्माण 1680 में करवाया था.