केंद्रीय वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि सरकार कर नियमों में स्पष्टता लाएगा और एक स्थिर कर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा.
चिदंबरम ने आयकर मुख्य आयुक्तों और महानिदेशकों को सम्बोधित करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि एक स्थिर कर व्यवस्था और कर कानूनों में स्पष्टता बनी रहे. मंत्री ने कहा कि उन्होंने कर अधिकारियों से कहा है कि वह कर वसूली में सहयोगात्मक रवैया अपनाएं.
उन्होंने कहा कि हमने मुख्य आयुक्तों से कर वसूली में सहयोगात्मक रवैया अपनाने के लिए कहा है. हमने सीसीआईटी (मुख्य आयकर आयुक्तों) से कहा है कि सभी आयुक्तों, सभी सहायक आयुक्तों और उपायुक्तों तथा आयकर अधिकारियों को लगातार यह हिदायत दें.
चिदंबरम ने कहा कि सरकार को मौजूदा कारोबारी साल में 5.7 लाख करोड़ प्रत्यक्ष कर वसूली का लक्ष्य हासिल हो जाने का अनुमान है. वित्त मंत्री ने हालांकि कहा कि अभी तक प्रत्यक्ष कर की वसूली लक्ष्य से कम रही है लेकिन मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी छमाही में वसूली बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि वसूली 10.5 फीसदी की दर से बढ़ी है, जबकि जरूरत 15 फीसदी की है.
चिदंबरम ने कहा कि आर्थिक विकास दर कम रहने का मतलब यह नहीं है कि कर वसूली भी कम रहेगी, क्योंकि दोनों का आपस में कोई सम्बंध नहीं है. सरकार कर और जीडीपी अनुपात 2011-12 के 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करना चाहती है.
यह अनुपात 2007-08 के 11.9 फीसदी से घटकर 2011-12 में 10.1 फीसदी पर आ गया था. मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य वापस 12 फीसदी पर पहुंचने का है. 12 फीसदी के बाद भी भारत सबसे कम कर-जीडीपी अनुपात वाले देशों में रहेगा.