टीम अन्ना ने अमृतसर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कालाझंडा दिखाये जाने का यह कहते हुए बचाव किया कि यह मजबूत लोकपाल के लिए लोगों की मांग को दर्शाता है.
टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी से जब पूछा गया कि क्या वह प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन को सही मानती हैं तो उन्होंने कहा कि काला झंडा दिखाना कानून के दायरे में है. अतएव यह वैध विरोध है. नये साल के अवसर पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अपना मत्था टेकने के बाद जब सिंह बाहर आए जब भ्रष्टाचार विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के समर्थकों ने उन्हें काला झंडा दिखाया.
हालांकि टीम अन्ना की अन्य सदस्य शाजिया इल्मी ने इस बात से इनकार किया कि प्रदर्शनकारी इंडिया एगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता थे. आईएसी मजबूत लोकपाल कानून बनाने की मांग को लेकर मुहिम चला रही है.
इल्मी ने कहा कि मैं नहीं मानती कि यह टीम अन्ना के इशारे पर हुआ लेकिन लोग जो अनुभव करते हैं और एहसास करते हैं, यह उसी का परिलक्षण है. मेरा अनुमान है कि यह लोगों के मूड का परिणाम है क्योंकि वे कठोर भ्रष्टाचार निरोधक कानून चाहते हैं और यह हो नहीं रहा.