जन लोकपाल विधेयक पारित करने और केंद्रीय मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की स्वतंत्र निकाय से जांच कराने की मांग पर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने वाली टीम अन्ना ने बुधवार ही राष्ट्रपति बने प्रणब मुखर्जी को भी नहीं बख्शा.
जन लोकपाल विधेयक का पुरजोर समर्थन करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने जंतर मंतर पर फिर से आंदोलन की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार को लोकपाल लाना पड़ेगा, नहीं तो जाना पड़ेगा.
टीम अन्ना ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा में सांठगांठ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों राष्ट्रीय दल एक दूसरे को बचाने का काम करते हैं.
गृह मंत्री पी चिदंबरम, पूर्व मंत्री वीरभद्र सिंह, ए राजा समेत 14 केंद्रीय नेताओं एवं मंत्रियों पर विभिन्न घोटालों में शामिल होने का आरोप लगाने के साथ टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर इन सबको संरक्षण देने का इल्ज़ाम लगाया.
टीम अन्ना ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले प्रणब मुखर्जी को नहीं बख्शा और कहा कि अगर लोकपाल विधेयक होता पूर्व वित्त मंत्री इस शीर्ष संवैधानिक पद पर आसीन नहीं हो पाते.
हजारे ने कहा कि देश के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों पर भ्रष्टाचार का नशा छा गया है और जनता को एकजुट होकर इन्हें होश में लाना होगा.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर लोकपाल मुद्दे पर अपने आश्वासन से मुकरने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘देश के खजाने को चोरों ने नहीं पहरेदारों ने धोखा दिया है. देश को दुश्मनों से नहीं भ्रष्टाचारियों से खतरा है.’
अन्ना ने दावा किया कि जन लोकपाल कानून अमल में आ जाने देश में 70 प्रतिशत भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है.
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला, चावल निर्यात घोटाला, पनडुब्बी सौदा घोटाला, वार रूम लीक मामले, सेबी से जुड़ी अनियमितता, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला आदि से अनेक केंद्रीय मंत्रियों के नाम जुड़े हैं. इनके खिलाफ साक्ष्य भी है लेकिन इनकी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराये जाने की जरूरत है, तभी सच सामने आ सकेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार जांच कराने को तैयार नहीं है, अगर स्वतंत्र जांच नहीं होगी, तब सच कैसे सामने आयेगा. अगर हमारे खिलाफ आरोप लगते हैं तब इसकी भी जांच करायी जानी चाहिए.
लोकपाल विधयेक की जरूरत पर जोर देते हुए केजरीवाल ने कहा कि अगर लोकपाल विधयेक बनता तब प्रणब आज राष्ट्रपति नहीं बन पाते.
अनशन स्थल पर मंच पर गांधी जी की तस्वीर लगायी गयी है. इसके साथ ही टीम अन्ना ने जिन केन्द्रीय नेताओं के खिलाफ स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है उनकी तस्वीरें भी टांग दी गई हैं जिसमें नए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृह मंत्री पी चिदंबरम सहित कई अन्य लोग शामिल हैं.
कुछ देर बाद प्रणब के चित्र को कपड़े से ढक दिया गया. इस पर केजरीवाल ने कहा कि मुखर्जी अब राष्ट्रपति पद की शपथ ले चुके है जो शीर्ष संवैधानिक पद है. हम संविधान का सम्मान करते हैं, इस नाते प्रणब के चित्र को कपड़े से ढक रहे हैं ताकि इस पद की गरिमा कम न हो.
प्रशांत भूषण ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा में सांठगांठ है और सत्ता में आने पर दोनों राष्ट्रीय दल एक दूसरे को बचाने का काम करती हैं.
आज सुबह अनशन स्थल पर अन्ना और उनके सहयोगियों के पहुंचते ही अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया जब कुछ लोगों ने टीम अन्ना के खिलाफ हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी.
इनके बारे में दावा किया गया है कि वह कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकार्ता है. अन्ना और उनके सहयोगियों ने सभी लोगों से शांति बनाये रखने और संघर्ष नहीं करने की अपील की और हंगामा कर रहे लोगों को अनशन स्थल से बाहर कर दिया गया.
टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास का आरोप है कि अनशन स्थल पर हंगामा करने वाले कांग्रेस की छात्र ईकाई एनएसयूआई के सदस्य है जो अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. टीम अन्ना ने हंगामे की योजना से संबंधित एक कथित आडियो भी प्रसारित किया.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने टीम अन्ना के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर उनके सरकार विरोधी प्रदर्शन में बाधा डालने के आरोप लगाया गया था. उन्होंने इस तरह के आरोपों को ‘आधारहीन’ तथा ‘निर्मूल’ करार दिया. नारायणसामी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का लोकतांत्रिक सिद्धांतों में पूरा विश्वास है न कि हिंसा में.
केजरीवाल ने कहा कि आज से प्रतिदिन तीन-चार मंत्रियों एवं केंद्रीय नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरापों का खुलासा किया जायेगा. टीम अन्ना के एक सदस्य मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश के कोने-कोने में नेताओं और अफसरों की मिलीभगत से लूट चल रही है. और उन पर वर्षों से मुकदमा चल रहा है और किसी को दंडित नहीं किया जा सका है. इसलिए हम एसआईटी के गठन की मांग कर रहे हैं ताकि निष्पक्ष जांच हो सके.
टीम अन्ना को संयुक्त राष्ट्र में गुहार लगाने की केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की टिप्पणी पर सिसोदिया ने कहा कि लोगों ने खून पसीने से सांसदों को चुन कर भेजा है. मजबूत जन लोकपाल कानून देश के भीतर और जनता के बीच ही बनेगा. संयुक्त राष्ट्र जाने की जरूरत नहीं है.
किरण बेदी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री सहित कुछ मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप हैं. आरोपों की जांच के लिए जब तक उनके खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) नहीं बनाया जाता और लोकपाल विधेयक पारित नहीं होता है. तब तक यह अनशन चलता रहेगा.’
गर्मी और उमस के बावजूद अनशन स्थल पर बड़ी संख्या में महिलाओं और युवाओं सहित लोगों ने हिस्सा लिया. शाम होने तक जंतर मंतर पर करीब पांच हजार लोग उपस्थित थे.