कोयला घोटाले के खिलाफ अन्ना के सहयोगी दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर समर्थकों समेत धरना दे रहे हैं. अन्ना समर्थकों की आज यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी के निवास स्थान पर घेराव की योजना है.
घेराव को लेकर अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी में मतभेद भी साफ दिखाई दे रहा है. किरण बेदी धरने में शामिल नहीं हुईं हैं. दरअसल किरण बेदी चाहती हैं कि घेराव सिर्फ सत्तारूढ़ पार्टी के लोगों के खिलाफ किया जाए, जबकि केजरीवाल बीजेपी को भी कांग्रेस की तरह भ्रष्ट मानते हैं और चाहते हैं कि नितिन गडकरी के घर का भी घेराव हो.
इससे पहले दिल्ली में कांग्रेस-बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के घर का घेराव करने जा रहे अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, संजय सिंह और कुमार विश्वास को हिरासत में लिए जाने के बाद रिहा कर दिया गया.
ये लोग योजना के अनुसार रविवार सुबह कांग्रेस-बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के घर पर प्रदर्शन करने के लिए जा रहे थे.
गौरतलब है कि अन्ना के सहयोगियो ने कोयला घोटाले पर सरकार के ढुलमुल रवैये के खिलाफ रविवार को सोनिया गांधी, नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के घर का घेराव करने की योजना बनाई थी.
घेराव करने गए अन्ना समर्थकों को पुलिस मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले गई थी जहां उनके समर्थकों ने प्रदर्शन किया. पुलिस की योजना उन्हें बवाना लेकर जाने की थी.
केजरीवाल और गोपाल राय को प्रधानमंत्री आवास के बाहर से हिरासत में लिया गया, जबकि मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास कांग्रेस प्रमुख के आवास 10 जनपथ के बाहर से हिरासत में लिए गए.
संजय सिंह और एक अन्य व्यक्ति को भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास के बाहर से हिरासत में लिया गया.
कार्यकर्ताओं ने इन तीन नेताओं के आवास के घेराव की घोषणा यह आरोप लगाते हुए की थी कि कांग्रेस और भाजपा भ्रष्टाचार में एक दूसरे का साथ दे रहे हैं और कोयला ब्लॉक के आवंटन में भी शामिल हैं. दिल्ली पुलिस ने इन स्थानों पर घेराव न करने की चेतावनी देते हुए इसे निषेधाज्ञा का उल्लंघन बताया था.
हालांकि कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया था कि वह जंतर मंतर पर एकत्र होंगे और वहां से इन नेताओं के आवास की तरफ मार्च करेंगे, लेकिन केजरीवाल और उनके साथी निर्धारित कार्यक्रम के विपरीत सीधे घेराव स्थल पर पहुंच गए, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
केजरीवाल ने कहा, ‘हम गलत क्या कर रहे हैं? हम फुटपाथ पर शांति से बैठे हैं. कम से कम हमें बताया तो जाए कि हमें हिरासत में क्यों लिया जा रहा है.’ प्रदर्शनकारियों के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने निषेधाज्ञा का उल्लंघन नहीं किया क्योंकि प्रदर्शनस्थल पर केवल दो व्यक्ति पहुंचे थे.
उन्होंने कहा, ‘जब राज ठाकरे अपने हजारों समर्थकों के साथ बिना इजाजत विरोध प्रदर्शन के लिए निकलते हैं तो पुलिस उन्हें सुरक्षा प्रदान करती है. यह किस तरह की राजनीति है?’
केजरीवाल ने कहा, 'हम सिर्फ कोयला घोटाले के मुद्दे पर पीएम से बात करने जा रहे थे और हमें गिरफ्तार कर लिया गया. इस मुद्दे पर बीजेपी-कांग्रेस दोनों मिलकर देश को लूट रही हैं. बीजेपी-कांग्रेस देश को लूट रही हैं'. हिरासत में लिए जाने के बाद अन्ना समर्थक कुमार विश्वास ने कहा कि धारा 144 नहीं तोड़ी गई है और ये सरकार की तानाशाही है.
अब अन्ना समर्थक और इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्य जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. इस बीच पुलिस ने बताया कि किसी भी मेट्रो स्टेशन को बंद नहीं किया गया है.