राष्ट्रपति चुनाव में जहां प्रणब मुखर्जी को कोई राजनैतिक चुनौती मिलने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं वहीं टीम अन्ना उनपर आरोपों की झड़ी लगाए हुए है. ये और बात है कि खुद अन्ना प्रणब की तारीफ कर रहे हैं.
यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी पर अन्ना हजारे और उनकी टीम एक राय नहीं रखती है. अन्ना प्रणब के बारे में कुछ कहते हैं और उनकी टीम कुछ और अन्ना की टीम प्रणब को आरोपों से घेरती है तो अन्ना उनकी तारीफ करते हैं.
अन्ना ने कहा है कि प्रणब मुखर्जी मंत्रिमंडल के बाकी मंत्रियों की तुलना में बेहतर हैं. अगर यूपीए ने किसी और मंत्री को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया होता तो मैं समर्थन नहीं करता. लेकिन, अन्ना की टीम प्रणब मुखर्जी को कठघरे में खड़ा कर रही है.
टीम अन्ना ने प्रणब पर चार आरोप लगाए:
1- स्कॉर्पिन डील में अभिषेक वर्मा को बचाने का आरोप.
2- नेवी वार रूम केस को हल्का करने का आरोप.
3- चावल निर्यात मामले में आरोप.
4- सेबी के डायरेक्टर की पीएम को लिखी चिट्ठी में प्रणब की करीबी महिला अफसर पर दबाव डालने का आरोप.
टीम अन्ना का कहना है कि राष्ट्रपति बनने के बाद प्रणब देश के सर्वोच्च पद पर होंगे और उनपर इन मामलों को लेकर कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. लिहाजा पद की गरिमा देखते हुए उन्हें ये जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करानी चाहिए.
लेकिन टीम अन्ना की प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के कुछ समय बाद ही प्रणब मुखर्जी ने टीम अन्ना को एक खत भेज इन सारे आरोपों को बेबुनियाद करार दिया और टीम अन्ना पर एक खास एजेंडे के तहत काम करने का आरोप लगाया. सरकार के एक बड़े मंत्री ने टीम अन्ना के आरोपों पर कटाक्ष किया.