'मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना.' आज फिर देश की राजधानी दिल्ली से लेकर पूरे देश में ये हुंकार सुनाई देगी. आज से टीम अन्ना का आमरण अनशन दिल्ली के जंतर-मंतर पर शुरू हो रहा है. शुरू में सिर्फ़ अन्ना के सहयोगी अनशन करेंगे, लेकिन ज़रूरत पड़ी तो 4 दिन बाद अन्ना भी अन्न त्याग देंगे.
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन की जो आग मद्धिम सी पड़ती दिख रही थी, वो फिर भड़क उठी है. दिल्ली का जंतर-मंतर एक बार फिर उसी आंदोलन का गवाह बनने जा रहा है, जहां जनलोकपाल की लड़ाई क़रीब डेढ़ साल पहले शुरू हुई थी. अन्ना हज़ारे और उनकी टीम ने आंदोलन की हवा तैयार कर दी है.
मंगलवार को अन्ना दिल्ली पहुंचे तो समर्थकों का हुज़ूम उसी पुराने हौसले के साथ सड़कों पर निकला. अन्ना हजारे अपने समर्थकों के साथ दिन में क़रीब पौने ग्यारह बजे राजघाट पहुंचेंगे. बापू को नमन करने के बाद काफ़िला जंतर मंतर के लिए कूच करेगा. जंतर मंतर पर टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय बेमियादी अनशन पर बैठेंगे. अरविंद केजरीवाल पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि मांग पूरी होने नहीं होने तक वे जंतर मंतर से नहीं उठेंगे, चाहे अनशन पर बैठे-बैठे उनकी जान चली जाए.
अन्ना हज़ारे ने 4 दिन का अल्टीमेटम दिया है. अगले चार दिनों में अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो अपनी सेहत की चिंता छोड़कर अन्ना भी उपवास शुरू कर देंगे. इस बार टीम अन्ना कहीं ज़्यादा तैयारियों के साथ आंदोलन में उतरी है. बस देखना ये है कि क्या आम जनता का वैसा समर्थन मिलता है, जैसा अब तक मिलता आया है.
क्या हैं टीम अन्ना की मांगें
टीम अन्ना अब सिर्फ़ मज़बूत लोकपाल नहीं मांग रही. अब उसके निशाने पर उन मंत्रियों की जमात है, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. अन्ना चाहते हैं कि दाग़ियों के खिलाफ़ स्वतंत्र जांच हो और मामलों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बने. तभी मज़बूत लोकपाल वजूद में आ सकेगा. असल मुद्दा लोकपाल का है, लेकिन इस बार निशाना उन लोगों पर हैं जो मज़बूत लोकपाल बिल के रास्ते में रुकावट बन रहे हैं. ये कहना है टीम अन्ना का कि जब तक संसद में भ्रष्ट नेता बैठे हैं, तब तक भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कठोर क़ानून बनना मुश्किल है.
अरविंद केजरीवाल का कहना है कि 15 मंत्रियों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के इतने संगीन आरोप हैं कि अगर आज वो लोकपाल बिल पास कर दें, तो कल इन लोगों को जेल हो जाएगी, इनकी संपत्ति ज़ब्त हो जाएगी. इसीलिए ये सरकार लोकपाल बिल नहीं ला रही है.
इस बार अन्ना ने सरकार के सामने तीन मांगें रखी हैं. पहली मांग- जिन मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं उनकी जांच के लिए स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम का गठन जल्द किया जाए. दूसरी मांग- जिन पार्टी अध्यक्षों के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है उन्हें विशेष जांच दल को सौंपा जाए. तीसरी मांग मजबूत लोकपाल की है, जिसके लिए टीम अन्ना अरसे से लड़ाई लड़ रही है.
टीम अन्ना चेतावनी दे रही है कि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जल्द कदम नहीं उठाए गए तो देश का अमन-चैन ख़तरे में पड़ सकता है. टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा कि ये देश अगर इसी व्यवस्था से चलता रहा तो आप मानकर चलिए कि ये देश गृहयुद्ध की तरफ़ बढ़ रहा है. अन्ना और उनकी टीम ने साफ़ कर दिया है कि इस बार साज़िशों, बयानों और बातों से बात नहीं बनने वाली, आंदोलन तभी थमेगा जब ठोस नतीजा सामने होगा.